- वन विभाग द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सभी डीजल वाहनों को 60 दिन के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) से बदलने का आदेश
- संरक्षित वन क्षेत्रों में गैर-जरूरी, गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रवेश सख्ती से प्रतिबंधित करने का आदेश
- पर्यावरण संरक्षण के लिए ₹506 करोड़ रुपये का प्रावधान, दिल्ली भर में 70 लाख पौधे लगाने की योजना
नई दिल्ली,। 28 अप्रैल 25 । दिल्ली के वन क्षेत्रों की सुरक्षा और साफ-सुथरे पर्यावरण की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वन विभाग द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सभी डीजल और इंटरनल कम्ब्स्ट्न इंजन (ICE) वाहनों को 60 दिन के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) से बदलने का निर्देश दिया है| मंत्री ने इस दौरान वन क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने और वन्यजीवों की रक्षा करने की तात्कालिक आवश्यकता पर जोर दिया।
वन विभाग को इस संबंध में एक विस्तृत स्टडी करने और इससे संबंधित योजना पर सात दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, तुरंत प्रभाव से दिल्ली के वन और संरक्षित क्षेत्रों में सभी गैर-जरूरी, गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों — सरकारी और निजी– दोनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि “दिल्ली के जंगलों को शांत, सुरक्षित एवं प्रदूषण रहित मोबिलिटी की जरूरत है जिसके लिए दिल्ली की सरकार सभी अथक प्रयास कर रही है।”
यह कदम दिल्ली सरकार की प्रदूषण को नियंत्रित करने और ग्रीन इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
मंत्री ने कहा, “ग्रीन दिल्ली और साफ़ हवा अब दूर का सपना नहीं, बल्कि यह हमारा लक्ष्य है। ग्रीन टेक्नोलॉजी अपना कर जंगलों को सहेजना दिल्ली वासियों के लिए एक बेहतर और सेहतमंद भविष्य देने जैसा है।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार पर्यावरण को संरक्षित कर सस्टेनेबल दिल्ली बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के मिशन के तहत पर्यावरण और वन विभाग के लिए बजट में ₹506 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ताकि पर्यावरण से जुड़े इंफ्रास्टक्टर को मजबूत कर प्रदूषण नियंत्रण की योजनाओं को लागू किया जा सके और बायोडायवर्सिटी की रक्षा की जा सके। इसके साथ ही, दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र का विस्तार करने, वायु गुणवत्ता सुधारने और शहरी बायोडायवर्सिटी को बढ़ावा देने के लिए 70 लाख पौधे लगाए जाएंगे।