• DPCC और पर्यावरण विभाग के साथ की आपात समीक्षा बैठक • सभी विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा
नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2025। दिल्ली में तेजी से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक आपात उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) , पर्यावरण और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान सिरसा ने दिल्ली में वायु प्रदूषण का जायजा लिया और AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर गहरी चिंता जताई। पर्यावरण मंत्री ने इस हालात पर काबू पाने के लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये
समीक्षा बैठक में श्री सिरसा ने कहा कि सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों, संस्थानों और निर्माण स्थलों की पहचान कर उनपर तुरंत कार्रवाई हो और जिन निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के नियमों का पालन नहीं हो रहा, उनका काम तत्काल रोका जाए। साथ ही पर्यावरण मंत्री ने बड़े प्रोजेक्ट साइट्स और प्रदूषण वाले इलाकों में पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने, स्कूलों और अस्पतालों जैसे संवेदनशील इलाकों में रियल-टाइम एयर क्वालिटी की निगरानी करने और कच्ची सड़कों एवं खुले में कूड़ा फेंकने से हो रहे धूल प्रदूषण पर तुरंत रोक लगाने के भी निर्देश दिये।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिरसा ने कहा कि “पर्यावरण की ज़िम्मेदारी सिर्फ एक विभाग की नहीं, बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।” इस अवसर पर माननीय पर्यावरण मंत्री ने MCD और DPCC की टीमों को AQI पर रोज़ाना प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए कहा कि बार-बार नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाया जाए और उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कोई लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं होगी। हर अधिकारी को इसे हेल्थ इमरजेंसी की तरह लेना होगा।” बैठक में यह भी चर्चा हुई कि प्रदूषण के खिलाफ जनता के बीच जागरूकता अभियानों को और तेज़ किया जाएगा। खासकर RWA, बाजारों और निर्माण एजेंसियों को प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन करने के लिए विषेश रूप से सावधान किया जाएगा।