नई दिल्ली,21 अप्रैल। ने इंडिगो समेत तीन डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों और उनसे जुड़े 15 इंटरनेशनल विमान लेसर्स (लीज पर विमान देने वाली कंपनियों) को 1,500 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस भेजा है।
आयकर विभाग ने इन पर आयरलैंड में बनी कागजी कंपनियों (शेल कंपनियों) के जरिए टैक्स बचाने का आरोप लगाया है। ये नोटिस अक्टूबर 2024 और मार्च 2025 में भेजे गए थे।
टैक्स में हेरफेर का यह मामला 2021-22 और 2022-23 के वित्तीय वर्षों से जुड़ा है।
आयरलैंड में शेल कंपनियों से टैक्स में हेराफेरी का आरोप
दरअसल, टैक्स अधिकारियों का कहना है कि एयरलाइंस ने विमानों को किराए पर लेने के लिए आयरलैंड में SPV/SPC (स्पेशल पर्पज व्हीकल) नाम की शेल कंपनियां बनवाईं, जिनका असल में कोई कारोबार, ऑफिस या कर्मचारी नहीं है। इनका मकसद सिर्फ आयरलैंड-भारत के बीच टैक्स संधि (DTAA) का फायदा उठाकर भारत में टैक्स चुकाने से बचना था।
हालांकि कंपनियों ने इसे गलत बताते हुए कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। वहीं, आयरलैंड सरकार ने भी अपने लेसर्स का बचाव करते हुए कहा है कि उनकी कंपनियों को शेल बताने के आरोप गलत हैं। वे असली कंपनियां हैं।
6 महीने में 19.66% चढ़ा इंडिगो का शेयर
इंडिगो का शेयर आज यानी, 21 अप्रैल को 2.38% की तेजी के साथ 5,493.50 रुपए पर कारोबार कर रहा है। पिछले 5 कारोबारी दिनों में शेयर 6.67% का रिटर्न दे चुका है। पिछले 1 साल में शेयर 47.40% तक चढ़ चुका है।
इंडिगो को मार्च में ₹944.20 करोड़ का टैक्स नोटिस मिल चुका
इससे पहले 30 मार्च को इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को आयकर विभाग ने 944.20 करोड़ रुपए का पेनाल्टी ऑर्डर भेजा था। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि 2021-22 असेसमेंट ईयर के लिए इनकम टैक्स एक्ट 270A के तहत ये पेनाल्टी लगाई गई है।
इसके साथ चेन्नई के संयुक्त आयकर आयुक्त ने कंपनी पर 2.84 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इंडिगो ने इनकम टैक्स की पेनाल्टी को बेबुनियाद बताया था। कंपनी ने कहा कि सेक्शन 143(3) के तहत असेसमेंट ऑर्डर के खिलाफ दायर अपील अभी पेंडिंग है, लेकिन टैक्स अधिकारियों ने इसे खारिज मानकर जुर्माना लगा दिया।