- 1,111 जीपीएस से युक्त जल टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।
- सेन्ट्रल कंट्रोल रूम से सीधे तौर पर की जाएगी इन जल टैंकरों की निगरानी।
- यह अध्याय “डिजिटल इंडिया” और “डिजिटल दिल्ली” की दिशा में बड़ा कदम है।
नई दिल्ली । 20 अप्रैल 25 । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज डीडीए ग्राउंड, आउटर रिंग रोड , बुराड़ी से दिल्ली जल बोर्ड के 1,111 जीपीएस से युक्त जल टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, मनजिंदर सिंह सिरसा , रविंद्र इन्द्रराज सिंह, कपिल मिश्रा, लोकसभा सांसद मनोज तिवारी , बांसुरी स्वराज, कमलजीत सेहरावत ,योगेन्द्र चंदौलिया , प्रवीण खंडेलवाल और विधायकों समेत दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य दिल्ली की जल आपूर्ति व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और जवाबदेह बनाना है। यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों को ध्यान में रखकर उठाया गया है जहाँ पाइपलाइन से जलापूर्ति नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में आधुनिक जीपीएस ट्रैकिंग से टैंकर माफिया पर सख्त लगाम लगेगी। इन टैंकरों की 24×7 निगरानी सीधे तौर पर सेन्ट्रल कंट्रोल रूम से की जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली जल बोर्ड ऐप के माध्यम से नागरिक न केवल जल टैंकरों की ट्रैकिंग कर सकेंगे, बल्कि अपनी शिकायतें दर्ज कर उनके समाधान की प्रक्रिया भी देख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इस तकनीकी पहल को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि दिल्ली सरकार नई सोच और तकनीक के साथ राजधानी को डिजिटल दिल्ली बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ‘विकसित दिल्ली बजट’ के तहत जल एवं स्वच्छता क्षेत्र के लिए ₹9,000 करोड़ का ऐतिहासिक बजट आवंटित किया गया है, जिससे दिल्ली के हर घर तक शुद्ध, सुरक्षित और निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार का संकल्प है कि राजधानी में हर नागरिक को स्वच्छ और पर्याप्त जल मिल सके। दिल्ली सरकार राजधानी में पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार, लीकेज नियंत्रण, और आधुनिक जल प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से एक मजबूत और पारदर्शी जल आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली के हर घर, हर गली, हर मोहल्ले तक निर्बाध जल पहुंचे ताकि पानी जैसी मूलभूत ज़रूरत के लिए दिल्लीवासियों को परेशान न होना पड़े।
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन दिल्लीवासियों के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की ‘हर घर जल’ योजना को साकार करने की दिशा में दिल्ली सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है। आज हम केवल जल टैंकर सेवा की शुरुआत नहीं कर रहे, बल्कि एक नई सोच, नई प्रणाली और पूर्ण पारदर्शिता पर आधारित एक नई व्यवस्था की नींव रख रहे हैं। ये सभी जल टैंकर अत्याधुनिक जीपीएस तकनीक से सुसज्जित हैं, जिन्हें झंडेवालान स्थित सेन्ट्रल कंट्रोल रूम से चौबीसों घंटे रीयल-टाइम में ट्रैक किया जा सकेगा। टैंकर किस क्षेत्र में गया, कब पहुंचा और कहाँ पानी वितरित हुआ, इन सभी जानकारियों की निगरानी अब तुरंत संभव होगी।
साथ ही, दिल्ली जल बोर्ड की मोबाइल ऐप के माध्यम से एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है जहाँ नागरिक न केवल अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं, बल्कि उसकी ट्रैकिंग और समाधान की पूरी प्रक्रिया भी स्वयं देख सकेंगे। यह व्यवस्था न केवल टैंकर माफिया पर सख्ती से नियंत्रण स्थापित करेगी, बल्कि आम नागरिकों के जल संबंधी अधिकारों की सुरक्षा में भी एक मजबूत कदम साबित होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली में जहाँ-जहाँ अब तक जल आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाई है, वहाँ दिल्ली सरकार जल्द ही पाइप द्वारा पीने की पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा संकल्प है कि दिल्ली के हर घर तक नल के माध्यम से पानी पहुंचे । इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी दिल्ली के लिए एक सुव्यवस्थित ले-आउट प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें टाउन प्लानिंग के सिद्धांतों के आधार पर चरणबद्ध तरीके से पाइप से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। यह एक नई सोच, नई प्रणाली और पारदर्शिता की शुरुआत है, जिसे हमारी सरकार ने मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। जब ये 1,111 जीपीएस से युक्त जल टैंकर आपके क्षेत्रों में पहुंचेंगे, तो उनका संचालन जनता की नजरों के सामने होगा और निगरानी भी अब आम नागरिक कर सकेंगे। तकनीक की मदद से पारदर्शिता का यह नया अध्याय “डिजिटल इंडिया” और “डिजिटल दिल्ली” की दिशा में बड़ा कदम है। हम इस तरह की तकनीकी दक्षता का उपयोग अब दिल्ली सरकार के हर विभाग में लागू करने की दिशा में अग्रसर हैं।
पिछली सरकार पर तंज करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि जहां एक ओर पिछली सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में मात्र दो सुपर सकर मशीनें कार्यरत थीं, वहीं हमारी सरकार ने इस संख्या को बढ़ाकर पचास कर दिया है। अब दिल्ली की सड़कों पर 50 सुपर सकर मशीनें तैनात हैं, ताकि कहीं भी सीवर ओवरफ्लो की समस्या उत्पन्न हो, तो तुरंत उसे हल किया जा सके। सरकार पूरी एकजुटता के साथ दिल्ली की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर काम कर रही है — फिर चाहे वह वायु प्रदूषण हो, यमुना की सफाई, सड़कों की मरम्मत, शिक्षा या स्वास्थ्य की स्थिति — हर क्षेत्र में हमारा ध्यान केंद्रित है। दिल्ली सरकार के सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभागों की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। वे सातों दिन फील्ड में जाकर कार्य कर रहे हैं, ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट ले रहे हैं और समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं। दिल्ली में आने वाले मानसून के दौरान जलभराव की समस्या न हो, गर्मी के पीक सीज़न में पानी की किल्लत न हो — इसके लिए पूरी तैयारी और योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली में पानी कि समस्या को लेकर पिछली सरकार की उदासीनता के चलते दिल्ली में जल आपूर्ति में भारी अव्यवस्था रही और टैंकर माफिया ने व्यवस्था को जकड़ रखा था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हमें शुरुआत एक बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति से करनी पड़ी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की राजधानी होने के बावजूद, दिल्ली के कई क्षेत्रों में अब तक पाइपलाइन से पानी नहीं पहुंचता। आज भी कई इलाकों में बेहद पतली पाइपलाइनें मौजूद हैं और अधिकांश वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन अब हम उस व्यवस्था को पूरी तरह बदलने के लिए संकल्पबद्ध हैं — एक नए विज़न, नई तकनीक और पूरी ईमानदारी के साथ। हमने वादा किया था कि टैंकर सेवा को पारदर्शी बनाया जाएगा, और आज वह वादा पूरा हुआ। अब टैंकर कब, कहाँ गया — यह जनता भी देख पाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जल जैसी बुनियादी सुविधा पर कोई भ्रष्टाचार या स्वार्थ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर घर तक स्वच्छ और पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने ‘विकसित दिल्ली बजट’ के तहत जल एवं स्वच्छता क्षेत्र में किए गए बजटीय प्रावधानों और योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस बार जल एवं स्वच्छता क्षेत्र के लिए ₹9,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। दिल्ली की लगभग 3 करोड़ आबादी को शुद्ध, सुरक्षित और निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल प्रबंधन को और अधिक स्मार्ट और प्रभावी बनाने हेतु ₹150 करोड़ की राशि ऑटोमेशन, एससीएडीए सिस्टम और इंटेलिजेंट मीटरिंग पर खर्च की जा रही है। जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सीएलसी ड्रेन की मरम्मत हेतु ₹50 करोड़, अब तक जल सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में पाइप्ड जल पहुंचाने के लिए ₹50 करोड़ तथा नजफगढ़ ड्रेन के पुनर्रचना और इंटरसेप्शन के लिए ₹200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, जल की बर्बादी को रोकने और आपूर्ति प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए हरियाणा से आने वाली खुली नहरों की जगह पाइपलाइनों का निर्माण किया जाएगा, जिस पर ₹200 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। वहीं, जल संकट से निपटने के लिए ₹100 करोड़ की लागत से नए बोरवेल्स और रेनी वेल्स लगाए जाएंगे। साथ ही दिल्ली की जल संरचनाओं (वाटर बॉडीज़) के पुनरुद्धार के लिए ₹50 करोड़ की राशि भी निर्धारित की गई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सरकार का मिशन है कि दिल्ली का हर नागरिक इस व्यवस्था का हिस्सा बने। जल की बचत करें, शिकायत दर्ज करने से न डरें और यह समझें कि पानी की हर बूंद अमूल्य है।दिल्ली सरकार का यह प्रयास न केवल जल वितरण को अधिक कुशल बनाएगा, बल्कि जनता और सरकार के बीच विश्वास को और सुदृढ़ करेगा। मुख्यमंत्री ने अंत में अपने सभी मंत्रीगणों , सांसदों ,जनप्रतिनिधियों ,दिल्ली जल बोर्ड के सभी अधिकारियों को इस योजना को रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक लागू करने के लिए बधाई दी और इसे विकसित दिल्ली बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।