प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार की स्थिति पर व्यापक समीक्षा बैठक

Date:

  • बैठक में नदी की सफाई के लिए एजेंसी-वार कार्य योजना की समीक्षा की गई
  • दिल्ली में समग्र जल प्रबंधन के लिए ‘अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान’ बनेगा, दिल्ली मास्टर प्लान से होगा समन्वय
  • नदी पुनर्जीवन और सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए स्वयंसेवकों को जोड़ने हेतु “जन भागीदारी आंदोलन” की आवश्यकता पर चर्चा
  • बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि छठ पूजा के दौरान दिल्लीवासियों का अनुभव बेहतर हो

नई दिल्ली । 17 अप्रैल 25 । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित 7, लोक कल्याण मार्ग पर यमुना नदी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और उसकी सफाई व पुनरुद्धार से जुड़ी चल रही योजनाओं तथा भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री, जल शक्ति मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में यमुना नदी की सफाई के लिए एजेंसी-वार कार्य योजना की समीक्षा की गई। इस कार्य योजना में तात्कालिक गतिविधियाँ (3 माह), मध्यम अवधि की गतिविधियाँ (3 माह से 1.5 वर्ष) और दीर्घकालिक गतिविधियाँ (1.5 से 3 वर्ष) शामिल थीं। ड्रेनेज प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, सीवेज प्रबंधन, सेप्टेज और डेयरी अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार अवसंरचना में कमियों की पहचान और उसकी निगरानी के उपाय, यमुना नदी के प्रवाह में सुधार, बाढ़ क्षेत्र का संरक्षण, ग्रीन रिवर फ्रंट का विकास और जनजागरूकता जैसे कार्यों पर विशिष्ट समयसीमाओं के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
दिल्ली की पेयजल प्रणाली का पुनर्वास कर जल रिसाव और गैर-राजस्व जल को कम करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली समग्र जल प्रबंधन के लिए एक ‘अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान’ तैयार करेगी और उसे शहर के मास्टर प्लान के साथ एकीकृत किया जाएगा ।
बैठक के दौरान यमुना नदी को एक समग्र इकाई के रूप में चर्चा की गई और यमुना नदी के हरियाणा खंड, दिल्ली खंड और दिल्ली से प्रयागराज के संगम तक के खंडों में की जाने वाली कार्रवाई पर भी चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री को यमुना नदी की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले अपशिष्ट जल उपचार ढांचे की वर्तमान स्थिति और संबंधित प्रशासनिक मुद्दों की जानकारी भी दी गई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ पूजा का त्योहार मनाते समय दिल्ली के लोगो के अनुभव में सुधार होना चाहिए। इसके साथ ही यह भी ज़ोर दिया गया कि लोगों में नदी के प्रति सम्मान जागृत करने और यमुना नदी के किनारे रहने वाले नागरिको और युवाओ के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लोगो और नदियों के बीच संपर्क बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसमें नदी के पुनरुद्धार और सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए स्वयं सेवको को शामिल करते हुए जन भागीदारी आंदोलन चलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही दिल्ली खंड के अतिरिक्त ब्रज क्षेत्र जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ब्रज यात्रा को नदी -जन आंदोलन का एक अभिन्न हिस्सा बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि उपलब्ध सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि नालों में प्रवाह को मापने एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की कार्यप्रणाली की निगरानी हेतु सूक्ष्म स्तर पर रियल-टाइम डेटा एकत्र किया जा सके। प्रदूषण नियंत्रण अवसंरचना की आगे की योजना और क्रियान्वयन इसी डाटा के आधार पर किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर शासन सुनिश्चित करने के लिए इस डेटा का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि मौजूदा अवसंरचना प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस उद्देश्य के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related