लोगो को न्याय दिलाना अधिवक्ता की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए – रेखा गुप्ता

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  • बुनियादी ढांचे को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है दिल्ली सरकार
  • दिल्ली सरकार द्वारा लॉ एवं ज्यूडिशरी के लिए 4200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है
  • न्यायप्रणाली में वकीलों का योगदान सर्वोपरि

नई दिल्ली । 8अप्रैल,25 । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली बार काउंसिल द्वारा आयोजित विशेष पंजीकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस गरिमामयी आयोजन में नए अधिवक्ताओं का पंजीकरण किया गया। इस अवसर पर विधायक सतीश उपाध्याय और शिखा राय , बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा और न्यायिक क्षेत्र से जुड़े अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य भी उपस्थित रहे। विशेष पंजीकरण समारोह के दौरान लगभग 1400 नए अधिवक्ता दिल्ली बार कॉउन्सिल में पंजीकृत किये गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नवपंजीकृत अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज उपस्थित सभी अधिवक्ता केवल पंजीकृत नहीं हो रहे हैं, बल्कि यह जीवन भर न्याय, सत्य और संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए संकल्प ले रहे है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता समाज की चेतना की आवाज़ होते हैं, यहाँ मौजूद सभी अधिवक्ता न्याय को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सच्चा अधिवक्ता सिर्फ अपने मुवक्किल के अधिकारों की रक्षा नहीं करता, बल्कि वह संविधान की आत्मा और न्याय प्रणाली में लोगों के विश्वास को भी मज़बूत करता है। उन्होंने सभी नवप्रवेशित अधिवक्ताओं से अपील की कि वे केवल न्यायालयों तक सीमित न रहें, बल्कि समाज में शांति, समानता और न्याय की भावना को भी मज़बूती से स्थापित करें।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में देश और समाज बड़े बदलावों के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में नवोदित अधिवक्ताओं की भूमिका और अधिक अहम हो जाती है।तकनीकी प्रगति, डिजिटल माध्यमों की बढ़ती प्रभावशीलता एवं उभरते विधिक क्षेत्रों ने विधि व्यवसाय को एक नई दिशा और नई चुनौतियाँ प्रदान की हैं। सरकार को पूर्ण विश्वास है कि आप सभी इन परिवर्तनों का सामना न केवल विधि कौशल से, बल्कि गहन निष्ठा, साहस और बौद्धिक ईमानदारी के साथ करेंगे तथा न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में पुराने अनुपयोगी कानून को बदलने, न्यायपालिका में सुधार, तकनीकी उन्नति, न्याय की सुगमता तथा नागरिकों की न्याय तक पहुंच को सरल बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हुए हैं। दिल्ली सरकार भी न्यायिक ढांचे को अधिक प्रभावी, आधुनिक और सर्वसुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए दिल्ली सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में लॉ एवं ज्यूडिशरी के लिए 4200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।विभिन्न न्यायिक योजनाओं हेतु ₹927 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। शास्त्री पार्क, कड़कड़डूमा और रोहिणी कोर्ट परिसरों में विस्तार हेतु ₹490 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। साथ ही हाइब्रिड कोर्ट सिस्टम को अपनाने के लिए ₹200 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी नव-पंजीकृत अधिवक्ताओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह यात्रा समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने की है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये युवा अधिवक्ता न केवल न्यायपालिका को सशक्त करेंगे, बल्कि समाज में न्याय की मशाल जलाए रखेंगे।

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