नई दिल्ली,7 अप्रैल। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी है। हालांकि, आधे घंटे बाद ये भी साफ किया कि इससे पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे। इसे कच्चे तेल की घटी कीमतों से एडजस्ट किया जाएगा।
अभी सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपए लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए लीटर ड्यूटी लगेगी।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर आगे भी कच्चे तेल के दाम घटे रहे तो पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट आ सकती है।
मुख्य रूप से 4 बातों पर निर्भर करते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
- कच्चे तेल की कीमत
- रुपए के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वसूले जाने वाला टैक्स
- देश में फ्यूल की मांग
भारत में कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी।
19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।
क्रूड 4 साल के निचले स्तर पर आया
सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ऐसे समय में बढ़ाई है जब क्रूड ऑयल 4 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। ब्रेंट क्रूड पिछले हफ्ते 12% टूटा था। वहीं सोमवार को भी ब्रेंट क्रूड 4% टूटकर 64 डॉलर से नीचे आ गया है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना था कि आने वाले दिनों में पेट्रोल- डीजल के दामों में गिरावट आ सकती है।