कोलकाता ,7 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के BJP अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार ने रविवार को दावा किया कि कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में रामनवमी की रैली पर हमला हुआ।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर वीडियो शेयर कर मजूमदार ने लिखा- सिर्फ भगवा झंडा ले जाने पर गाड़ियों पर पत्थर बरसाए गए। शीशे ( विंडशील्ड) तोड़ दिए गए। अराजकता फैलाई गई। यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि टारगेट हिंसा थी।
जवाब में कोलकाता पुलिस ने कहा- किसी भी जुलूस के लिए परमिशन नहीं ली गई थी। न ही इलाके में ऐसी कोई ऐसी गतिविधि हुई। गाड़ी को नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और स्थिति सामान्य है। जांच के लिए केस दर्ज किया जा रहा है। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
देशभर में रविवार को रामनवमी मनाई गई। यूपी, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में रामनवमी पर जुलूस निकाले गए। पश्चिम बंगाल में भाजपा और TMC की लगभग 2500 जुलूस निर्धारित थे। राज्य में 6 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। ड्रोन और CCTV से नजर रखी गई।
भाजपा नेता सुकांत मजूमदार की पोस्ट की 2 बड़ी बातें
- रामनवमी पर बंगाली हिंदूओं ने सिस्टम हिला दिया: हिंसा के समय पुलिस कहां थी? वहीं थी और खामोश होकर देख रही थी। ममता बनर्जी द्वारा चुनी गई पुलिस, उनकी तुष्टीकरण की राजनीति से पूरी तरह से पंगु हो गई। निर्दोष हिंदुओं की रक्षा के लिए एक कदम भी नहीं उठाया गया। कायरतापूर्ण निष्क्रियता एक बात साबित करती है कि रामनवमी पर एकजुट बंगाली हिंदुओं की आवाज ने सिस्टम को हिला दिया है।
- अगले साल और भी बड़ा जुलूस निकालेंगे: ममता की लाड़ली ‘शांति वाहिनी’ शांतिपूर्ण नहीं है। वे घबराए हुए हैं। डरे हुए हैं। यह जान लें कि यह तो बस शुरुआत है। हम कोलकाता से वादा करते हैं कि अगले साल पार्क सर्कस से और भी बड़ा, जोरदार और शक्तिशाली रामनवमी जुलूस निकलेगा। पुलिसवाले जो आज चुप रहे? वे हम पर फूल बरसाएंगे। इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
रामनवमी को लेकर सियासत तेज 7 साल से बंगाल में रामनवमी राजनीति का नया हथियार बन गया है। बीते दिनों मालदा के मोथाबाड़ी में रामनवमी रैली रिहर्सल के तौर पर निकाली गई, जिससे सांप्रदायिक तनाव हुआ। पुलिस ने भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी को मौके पर नहीं जाने दिया। विहिप ने एक लाख श्रीराम महोत्सव आयोजन का ऐलान किया।