असम ,15 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में असम दौरे के दौरान एक पुराने वाकये को याद करते हुए बताया कि कांग्रेस शासनकाल में उन पर हमला हुआ था। उन्होंने कहा कि जब वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम में शामिल होने असम आए थे, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के शासन में उन्हें पीटा गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम के जोरहाट में कहा- 2016 में भाजपा सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने असम को दंगों की आग में झोंक रखा था।
मुझे भी असम में कांग्रेस सरकार ने पीटा था। हितेश्वर सैकिया असम के मुख्यमंत्री थे और हम पूर्व PM इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे।
मैंने भी असम में सात दिनों तक जेल का खाना खाया और पूरे देश से लोग असम को बचाने आए। आज असम विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
शाह ने जोरहाट में पुनर्निर्मित पुलिस अकादमी के पहले चरण का उद्घाटन किया और दूसरे चरण की नींव रखी।
शाह ने कहा- लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी आने वाले पांच सालों में देशभर में सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी बन जाएगी।
मैं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को आहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बरफुकन के नाम पर इस अकादमी का नाम रखने के लिए धन्यवाद देता हूं।
बहादुर योद्धा लाचित बरफुकन ने मुगलों के खिलाफ असम को विजयी होने में मदद की थी। लाचित बरफुकन केवल असम राज्य तक ही सीमित थे, लेकिन आज लाचित बरफुकन की जीवनी 23 भाषाओं में पढ़ाई जा रही है।
असम में शांति स्थापना में कांग्रेस की विफलता पर शाह का आरोप
शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके शासनकाल में असम में शांति स्थापित नहीं हो सकी थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में शांति बहाल हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में असम में 10,000 से अधिक युवाओं ने हथियार डालकर मुख्यधारा में वापसी की है, जिससे राज्य में शांति लौटी है।