- दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 का लक्ष्य 2027 तक 95% नए इलेक्ट्रिक व्हीकल का पंजीकरण करना है
- नई ईवी पॉलिसी 2.0 के तहत सभी सीएनजी ऑटो-रिक्शा, टैक्सियाँ और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को ईवी (इलेक्ट्रिक वाहनों) को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा।
नई दिल्ली,। 10 मार्च 25। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने दिल्ली में ईवी 2.0 पॉलिसी की समीक्षा की और प्रस्तावित ईवी पॉलिसी 2.0 की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख किया।
नई पॉलिसी का उद्देश्य दिल्ली में सडकों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है जिसे ईवी अपनाने में दिल्ली देश में ईवी पॉलिसी को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा सके। इस समीक्षा के दौरान नई ईवी पॉलिसी 2.0 के उद्देश्यों को अमल में लाने के लिए सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। प्राप्त करने के लिए प्रस्तावित सब्सिडी पर चर्चा केंद्रित रही।
डॉ पंकज सिंह ने कहा कि “प्रस्तावित दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 सार्वजानिक परिवहन में दिल्ली के नेतृत्व को और मजबूत करेगी, जिससे राजधानी में वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी।”
प्रस्तावित दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 में सभी सीएनजी ऑटो-रिक्शा, टैक्सियों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा| सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के अंतर्गत चलने वाले सभी बसों के स्थान पर प्राथमिकता के आधार पर ई – बसों को दिल्ली की सड़कों पर उतारेगी |
ईवी पॉलिसी को प्रमोट करने के लिए पॉलिसी 2.0 में इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-एलसीवी (हल्के वाणिज्यिक वाहन) और ई-ट्रकों के खरीद को सरकार प्रोत्साहित करेगी | नीति में आईसीई इंजन वाहनों से ईवी में बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिए स्क्रैपिंग और रेट्रोफिटिंग प्रोत्साहन भी शामिल हैं।
ईवी पॉलिसी 2.0 में ईवी वाहनों के परिचालन के साथ – साथ उनकी चार्जिंग स्टेशन को भी स्थापित करने की नीति शामिल है | इसमें सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने की समुचित प्लान है। यह नीति नए भवनों और सार्वजनिक स्थानों में चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य करती है। निजी और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए सब्सिडी प्रदान करती है और रिंग रोड और बाहरी रिंग रोड सहित प्रमुख सड़कों पर फास्ट-चार्जिंग कॉरिडोर स्थापित करना शामिल है।
ईवी पॉलिसी को प्रोत्साहित करने के लिए एक समर्पित स्टेट ईवी फ़ंड बनाया जाएगा। जिसे ग्रीन लेवी, प्रदूषण सेस और एग्रीगेटर लाइसेंस शुल्क के माध्यम से फ़ंड जमा किया जाएगा। यह नीति कमर्शियल वाहनों के लिए भी ईवी पॉलिसी को अनिवार्य करती है और रेग्युलेटरी उपायों को भी मजबूत करती है। इसके अतिरिक्त ईवी पॉलिसी कौशल विकास और रोजगार सृजन प्रमुख क्षेत्र हैं।
इसमे ईवी गाड़ियों की खरीद, उनकी सर्विसिंग, बैटरी और लोन संबंधी और नए जॉब सृजन का भी लक्ष्य है। दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) के सहयोग से ईवी मैकेनिक और ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
सरकार एक समर्पित दिल्ली क्लीन मोबिलिटी सेंटर (डीसीएमसी) के माध्यम से प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो पॉलिसी कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और दिल्ली के सभी परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक मोड में परिवर्तन को प्रेरित करेगा |
दिल्ली सरकार के ईवी पॉलिसी के शुरू होने से ईवी वाहनों के पंजीकरण, चार्जिंग पॉइंट, बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के साथ अपने चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विस्तार किया है। यह नीति बड़े स्तर पर ईवी नीति को बढ़ावा देने सब्सिडी प्रदान करने और ईवी विकास के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने में सहायक रही है।