नई दिल्ली,10 सितम्बर। सोमवार को भारत में मंकी पॉक्स (Mpox) का पहला मामला दर्ज किया गया, जिससे देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता बढ़ गई है। यह वायरस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पहले ही ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में घोषित किया जा चुका है। मंकी पॉक्स का यह मामला भारत के स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक नई चुनौती है, क्योंकि यह वायरस तेजी से फैलने की क्षमता रखता है।
मंकी पॉक्स क्या है?
मंकी पॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से पशुओं से मनुष्यों में फैलता है, लेकिन अब यह मानव-से-मानव में भी फैलने लगा है। यह वायरस चेचक (Smallpox) से मिलता-जुलता है, लेकिन इसके लक्षण कम गंभीर होते हैं। मंकी पॉक्स के प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, और शरीर पर चकत्ते शामिल हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर फैलते हैं।
भारत में पहला मामला
भारत में मंकी पॉक्स के पहले मामले ने स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क कर दिया है। मरीज की पहचान और उसके संपर्क में आए लोगों की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले की पुष्टि के बाद देशभर के अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। हवाई अड्डों और अन्य प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि संक्रमित लोगों की पहचान जल्द की जा सके।
WHO की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकी पॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए सभी देशों को सतर्क रहने की सलाह दी है। WHO ने बताया कि यह वायरस तेजी से फैल सकता है और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। संगठन ने सभी देशों से अपील की है कि वे इस वायरस को लेकर सजग रहें और संक्रमित लोगों का शीघ्र उपचार सुनिश्चित करें।
रोकथाम और सावधानियां
मंकी पॉक्स से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनाई जा सकती हैं:
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें: मंकी पॉक्स एक संक्रामक रोग है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचना आवश्यक है।
स्वच्छता बनाए रखें: हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना या सैनिटाइज़र का उपयोग करना जरूरी है।
सुरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन: खासकर पशु उत्पादों को अच्छे से पकाकर ही सेवन करें।
सावधानी बरतें: किसी भी अज्ञात दाने या चकत्ते का तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर टेस्ट करवाएं।
भारत की तैयारियां
भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को तुरंत हरकत में ला दिया है। देशभर के प्रमुख अस्पतालों को मंकी पॉक्स से निपटने के लिए विशेष दिशानिर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं। मंकी पॉक्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लोग सावधानियां बरत सकें और किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत पहचान हो सके।
निष्कर्ष
भारत में मंकी पॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है। WHO की चेतावनी के मद्देनजर, सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है। आम जनता को भी इस वायरस के बारे में जागरूक होना चाहिए और आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि इस वैश्विक संकट को टाला जा सके।