नई दिल्ली,10 सितम्बर। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अक्टूबर में रूस के कजान शहर में होने वाली BRICS NSA (ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) बैठक में हिस्सा लेंगे। यह दौरा अक्टूबर में कजान में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले हो रहा है और इसके कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
BRICS NSA बैठक का महत्व
BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। अजीत डोभाल इस बैठक में अन्य BRICS देशों के सुरक्षा सलाहकारों के साथ मुलाकात करेंगे, जिसमें वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर भी इस बैठक के दौरान चर्चा होने की संभावना है। अजीत डोभाल की भूमिका इस मुद्दे पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि भारत ने अब तक इस संघर्ष पर तटस्थ रुख अपनाया है और शांति के माध्यम से विवाद को हल करने की बात कही है। डोभाल, रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता या बातचीत को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। भारत की विदेश नीति हमेशा शांतिपूर्ण समाधान और संवाद के पक्ष में रही है, और डोभाल इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण पहल कर सकते हैं।
रूस-भारत संबंध और सहयोग
डोभाल के इस दौरे का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करना है। दोनों देशों के बीच रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में गहरा सहयोग है, और इस बैठक में सुरक्षा और रक्षा सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। रूस, भारत का प्रमुख रक्षा सहयोगी रहा है, और इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार की जा सकती है।
शिखर सम्मेलन की तैयारियां
यह बैठक अक्टूबर में कजान में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन की तैयारियों का एक हिस्सा है। इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के प्रमुख नेताओं के बीच महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें आर्थिक सहयोग, सुरक्षा, और विकासशील देशों के लिए नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। डोभाल की यह यात्रा शिखर सम्मेलन से पहले इन मुद्दों पर एक सुदृढ़ आधार तैयार करेगी।
निष्कर्ष
अजीत डोभाल का रूस दौरा वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भारत की भूमिका को और स्पष्ट करेगा। BRICS NSA बैठक में उनकी भागीदारी न केवल रूस-यूक्रेन संघर्ष पर शांति प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण होगी, बल्कि भारत-रूस संबंधों और BRICS देशों के बीच सहयोग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगी।