बहस के बाद व्हाइट हाउस से निकाले गए जेलेंस्की

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वाशिंगटन ,1 मार्च। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बहस के बाद व्हाइट हाउस से बाहर निकाल दिया गया। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को करीब 10 मिनट तक तीखी बहस हुई थी।

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि बहस के बाद यूक्रेन के डेलिगेट्स ओवल ऑफिस से निकलकर दूसरे कमरे में चले गए थे। अमेरिकी टीम वहीं रुकी रही। इस दौरान ट्रम्प ने उपराष्ट्रपति वेंस, विदेश मंत्री रुबियो और NSA माइक वाल्ट्ज से बातचीत की।

चर्चा के दौरान ट्रम्प ने कहा कि जेलेंस्की बातचीत की हालत में नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने माइक वाल्ट्ज और रुबियो से कहा कि वे जाकर खुद जेलेंस्की को कह दें कि उनके जाने का वक्त हो गया है।

ये दोनों अधिकारी वहां पहुंचे तो जेलेंस्की ने उनसे कहा कि वे चीजों को ठीक कर सकते हैं। जेलेंस्की ने फिर से ट्रम्प के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं दिया गया। दोनों नेताओं की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होने वाली थी, जिसे रद्द कर दिया गया।

जेलेंस्की बोले- सुरक्षा की गारंटी मिले तभी पीस डील में शामिल होंगे

जेलेंस्की ने ट्रम्प से बहस के बाद उनसे माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा कि जब तक सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती वे किसी पीस डील में शामिल नहीं होंगे।

जेलेंस्की ने कहा कि वे ट्रम्प का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने कुछ बुरा नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा यह बहस दोनों के लिए अच्छी नहीं रही, लेकिन ट्रम्प को यह समझने की जरूरत है कि यूक्रेन, रूस को लेकर अपना रवैया एक दिन में नहीं बदल सकता।

जेलेंस्की ने कहा कि वे चाहते हैं कि ट्रम्प इस बहस के बाद भी यूक्रेन के लिए ज्यादा समर्थन दिखाएं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन एक साझेदार के तौर पर कभी भी अमेरिका को खोना नहीं चाहता। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन तब तक रूस के साथ पीस डील में शामिल नहीं होगा जब तक कि उसे सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं मिल जाती।

ट्रम्प बोले- शांति नहीं चाहते जेलेंस्की ट्रम्प भी व्हाइट हाउस से बाहर निकले। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जेलेंस्की शांति चाहते ही नहीं हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि पुतिन शांति के लिए काफी गंभीर हैं। यूक्रेन की मदद बंद करने के सवाल पर ट्रम्प ने कहा कि अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अब वे तभी बातचीत करेंगे जब जेलेंस्की इस जंग को वाकई में खत्म करना चाहते हों।

इस बीच यूरोप के कई नेताओं ने जेलेंस्की के प्रति अपना समर्थन जताया है। नॉर्वे, नीदरलैंड, पोलैंड, यूरोपीय यूनियन, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों के अलावा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी जेलेंस्की के लिए समर्थन जताया है।

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