नई दिल्ली,21 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को राष्ट्र निर्माण और नेतृत्व (लीडरशिप) के लिए प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि हमें उनके मंत्रों को अपनाकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि विवेकानंद का दर्शन केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं था, बल्कि यह नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सुधार का भी प्रतीक था।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “स्वामी विवेकानंद ने हमेशा आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और राष्ट्र सेवा पर जोर दिया। अगर हम उनके विचारों को अपने जीवन और नेतृत्व में उतारें, तो हम भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।”
उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को विवेकानंद के विचारों से सीख लेकर अपने व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता को विकसित करना चाहिए। “सच्चा नेता वही होता है जो समाज के हित को पहले रखे और निस्वार्थ भाव से सेवा करे,” प्रधानमंत्री ने कहा।
पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि विवेकानंद ने हमेशा युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें समाज व राष्ट्र के लिए काम करने की सीख दी। “आज भारत आत्मनिर्भरता और विकास के जिस मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, उसमें विवेकानंद के विचार बेहद प्रासंगिक हैं,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में उतारें और राष्ट्र के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि विवेकानंद के बताए मार्ग पर चलकर ही भारत एक सशक्त और विकसित राष्ट्र बन सकता है।