मुंबई ,15 फरवरी। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण जैसे मामलों के खिलाफ कानून बनाने के लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी महाराष्ट्र के DGP संजय वर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई है।
पैनल में महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, कानून एवं न्यायपालिका, सामाजिक न्याय, विशेष सहायता और गृह जैसे प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं।
कमेटी जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद की मामले में शिकायतों को कैसे निपटाया जाए, यह सुझाव देगी। इसके अलावा यह दूसरे राज्यों में लागू कानूनों की स्टडी करेगी और इस आधार पर कानूनी सलाह देगी।
महाराष्ट्र की रहने वाली श्रद्धा वाकर की उसके बॉयफ्रेंड आफताब पूनावाला ने 2022 में दिल्ली में हत्या कर शव के टुकड़े कर दिए थे। भाजपा ने इस मामले के बाद राज्य में लव जिहाद का मुद्दा उठाया था।
सुप्रिया सुले बोलीं- शादी या निजी इच्छा महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी NCP शरद पवार की लीडर सुप्रिया सुले ने कहा- शादी या प्रेम निजी इच्छा है। मैं सरकार से निवेदन करती हूं कि यह असल मुद्दों पर ध्यान दें। मोदीजी अभी अमेरिका से वापस लौटे हैं। अमेरिका ने हम पर नए टैरिफ लगा दिए हैं, जिसका प्रभाव हमारे देश पर पड़ेगा। ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए।
लव जिहाद क्या है? कानून में ‘लव जिहाद’ नाम का कोई शब्द है ही नहीं, लेकिन आजकल इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। जिसका अर्थ है जब एक धर्म विशेष को मानने वाला व्यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन करवाता है तो इसे लव जिहाद या धर्मांतरण कहा जाता है। यानी एक मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को फंसाकर धर्म परिवर्तन कराता है।
कानून में कितने साल सजा का प्रावधान धर्म परिवर्तन के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को जान या संपत्ति का भय दिखाता है, बल का प्रयोग करता, शादी का दबाव बनाता है तो उसे भी आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा भुगतन करना होता है। लेकिन सभी राज्यों में सजा के प्रावधान अलग- अलग हैं।
किन-किन राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं? अभी गुजरात, झारखंड, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसके लिए कानून हैं। पहले तमिलनाडु में भी था, लेकिन 2023 में इसे निरस्त कर दिया गया। हिमाचल और उत्तराखंड में 5 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। SC-ST और नाबालिग के मामले में ये सजा 7 साल की है। उत्तर प्रदेश में भी इसके लिए कानून बन चुका है। इसका अध्यादेश पिछले महीने ही कैबिनेट में पास हुआ है। इस कानून में जबरन धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
यूपी सरकार ने लव जिहाद विरोधी कानून पारित किया सरकार इस बिल को पहली बार 2021 में लेकर आई थी। अब इसमें संशोधन किया गया है। पहले अधिकतम 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था। कानून लागू होने से लेकर अप्रैल, 2023 तक 427 केस दर्ज हुए थे। इनमें से 65 नाबालिग लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया था। सबसे ज्यादा केस बरेली में दर्ज हुए थे।
इसके बाद राजस्थान में भी 16 साल बाद लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के विरोधी बिल पेश किया गया है। राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेद विधेयक कानून को इसी साल तक लागू किया जाएगा। इस बिल के जरिए राज्य सरकार की एक धर्म से दूसरे धर्म में जबरन परिवर्तन करवाने वालों पर लगाम लगाएगी।
गुजरात में 5 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना गुजरात में लव जिहाद कानून के तहत 5 साल की सजा और अधिकतम 5 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसे धार्मिक स्वतंत्रता एक्ट, 2003 में संशोधन करके लाया गया है।