नई दिल्ली,11 फरवरी। बेंगलुरु में एशिया के सबसे बड़े एयर शो एयरो इंडिया 2025 की शुरुआत हो चुकी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा मंत्रियों के BRIDGE कॉन्क्लेव में कहा कि कमजोर रहकर कोई देश कभी भी शांति नहीं ला सकता, केवल मजबूत होकर ही हम बेहतर दुनिया के लिए काम कर सकते हैं।
राजनाथ ने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा और देश की आंतरिक सुरक्षा के बीच का फर्क खत्म होता जा रहा है। अब हाईब्रिड वॉरफेयर की मदद से शांतिकाल में भी देश के अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।
सिंह ने कहा, ‘शांति का वट वृक्ष केवल शक्ति की जड़ों पर ही खड़ा हो सकता है। भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मुझे लगता है कि एयरो इंडिया के रूप में एक और महाकुंभ शुरू हुआ है। प्रयागराज महाकुंभ आत्म-खोज का कुंभ है, वहीं एयरो इंडिया रिसर्च का कुंभ है।’
राजनाथ बोले- आतंकवाद, साइबर अपराध भारत के लिए चुनौती
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद, साइबर अपराध, मानवीय संकट और जलवायु परिवर्तन से होने वाली आपदाएं भारत के लिए बड़ी चुनौती हैं, जो सीमाओं से परे जाकर दुनिया को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने BRIDGE पहल के जरिए वैश्विक सहयोग और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने की बात कही। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच ‘स’ के सिद्धांत- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि को भारत की अंतरराष्ट्रीय नीति का आधार बताया।
AI और नई तकनीकों पर नजर रखना जरूरी
- राजनाथ सिंह ने कहा कि एक बड़ा देश होने के नाते भारत हमेशा शांति का समर्थक रहा है। हमारे लिए देश की सुरक्षा और शांति एक ही हैं। भारत के एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के नजरिए को कई देश समझते हैं। एयरो इंडिया में आए कई देशों के साथियों की मौजूदगी इस बात को दर्शाती है।
- सिंह ने कहा अब युद्ध में मानव रहित हथियार और सॉफ्टवेयर तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। ‘हाल के संघर्षों में ड्रोन के इस्तेमाल से यह पता चलता है कि भविष्य में मानवयुक्त (मैन्ड) और मानवरहित (अनमैन्ड) की मिली हुई तकनीकों पर निर्भर होंगे।
- दुनिया में अनिश्चितता के माहौल के बीच भारत ऐसा देश है जहां शांति और समृद्धि है। हमने न तो कभी किसी देश पर हमला किया है और न ही हम किसी शक्ति संघर्ष में शामिल रहे हैं। बड़े देश के तौर पर भारत हमेशा शांति के लिए काम करता रहा है।
ब्रिज कॉन्क्लेव में शामिल हुए 30 देशों के मंत्री
कॉन्क्लेव में 30 देशों के डिफेंस मिनिस्टर और 90 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुंचे। इनमें रक्षा और सेवा प्रमुख, स्थायी सचिव शामिल रहे। एयरो इंडिया कार्यक्रम 42,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में चल रहा है। इसमें 150 विदेशी कंपनियों सहित 900 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं।