नई दिल्ली,10 फरवरी। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त दी है। इस जीत ने न केवल बीजेपी की सीटों की संख्या में भारी इजाफा किया, बल्कि AAP के शीर्ष नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, और वरिष्ठ मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित पांच प्रमुख AAP नेता अपनी सीटें बचाने में नाकाम रहे।
AAP के दिग्गज नेता जो चुनाव हारे
1. अरविंद केजरीवाल – ‘नई दिल्ली’ सीट पर करारी हार
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरकर सत्ता में आए थे, नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। बीजेपी के उम्मीदवार परवेश वर्मा ने उन्हें मात दी।
केजरीवाल ने 2015 और 2020 में AAP को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी, लेकिन दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई थी। उन्होंने चुनाव से पहले कहा था कि वह जनता के फैसले के अनुसार ही राजनीति में वापसी करेंगे, लेकिन इस बार जनता ने उन्हें नकार दिया।
2. मनीष सिसोदिया – ‘जंगपुरा’ से हार
केजरीवाल के सबसे करीबी सहयोगी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने इस बार पटपड़गंज छोड़कर जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के तरविंदर सिंह मरवाह ने उन्हें हरा दिया।
सिसोदिया को 2023 में दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, और वह एक साल से अधिक समय तक जेल में रहे। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया।
3. सौरभ भारद्वाज – ‘ग्रेटर कैलाश’ से हार
दिल्ली सरकार में गृह, बिजली और जल आपूर्ति मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज को भी बीजेपी की शिखा रॉय ने हराया। भारद्वाज 2013 से इस सीट से लगातार जीतते आ रहे थे, लेकिन इस बार AAP के कमजोर प्रदर्शन और बीजेपी की आक्रामक रणनीति के कारण हार गए।
4. दुर्गेश पाठक – ‘राजेंद्र नगर’ से हार
AAP के प्रमुख रणनीतिकार और राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य दुर्गेश पाठक को बीजेपी के उमंग बजाज ने हराया।
पाठक ने 2022 के उपचुनाव में यह सीट जीती थी, लेकिन इस बार उन्हें जनता ने नकार दिया।
5. अवध ओझा – ‘पटपड़गंज’ से हार
सोशल मीडिया से लोकप्रियता पाने वाले पूर्व IAS कोच अवध ओझा, जिन्हें AAP ने पटपड़गंज से टिकट दिया था, बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी से 28,000 वोटों से हार गए।
यह सीट पहले मनीष सिसोदिया के पास थी, लेकिन उनके जंगपुरा जाने के बाद AAP यहां मजबूत पकड़ नहीं बना पाई।
दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव
इस चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।
- AAP की 10 साल की सत्ता अब कमजोर पड़ती दिख रही है।
- बीजेपी ने न केवल 40 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि पहली बार AAP के मजबूत गढ़ों में सेंध लगाई।
- दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
निष्कर्ष
बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत ने दिल्ली की राजनीति को पूरी तरह से बदल दिया है। आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, और उसके शीर्ष नेता अपनी सीटें बचाने में असफल रहे। अब सवाल उठता है कि क्या AAP इस झटके से उबर पाएगी, या दिल्ली में बीजेपी का नया युग शुरू हो चुका है?