लखनऊ , 06 फरवरी। उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग मर चुका है, अब उसे सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा।” अखिलेश का आरोप है कि भाजपा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर रही है और निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिया गया।
चुनाव में धांधली का आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या के एसएसपी ने सपा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा कार्यकर्ता प्रदीप यादव को पुलिस ने मारा-पीटा और उन्हें धमकाया गया। अखिलेश ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि “यदि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रह गया है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”
भाजपा ने किया पलटवार
अखिलेश यादव के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने उनसे माफी की मांग की है।
- भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “जब चुनाव जीतते हैं, तब वही चुनाव आयोग सही होता है और जब हारने लगते हैं तो सवाल उठाने लगते हैं। अखिलेश यादव को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।”
- केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, “संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।”
मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे कब आएंगे?
मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे 8 फरवरी 2025 को घोषित किए जाएंगे। इससे पहले, सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है।
क्या उपचुनाव के नतीजे राजनीति की दिशा बदलेंगे?
मिल्कीपुर सीट पर मुकाबला भाजपा और सपा के बीच कड़ा है। ऐसे में नतीजे तय करेंगे कि जनता किसे अपना समर्थन देती है। यदि सपा इस सीट को जीतने में सफल होती है, तो यह अखिलेश यादव के लिए बड़ी जीत होगी, लेकिन अगर भाजपा इस चुनाव में विजयी होती है, तो यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ताधारी दल की पकड़ को मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
मिल्कीपुर उपचुनाव केवल एक सीट का चुनाव नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ता संतुलन का महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। चुनावी प्रक्रिया पर सपा के आरोपों और भाजपा की प्रतिक्रिया के बीच अब सबकी निगाहें 8 फरवरी के नतीजों पर टिकी हैं।