लखनऊ / मथुरा , 5 फरवरी। मथुरा में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ की विजिलेंस टीम ने जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) किरण चौधरी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उनके घर पर छापेमारी के दौरान की गई, जहां विजिलेंस टीम ने सबूतों के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया और गाड़ी में बैठाकर लखनऊ ले गई।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, किरण चौधरी पर लंबे समय से रिश्वत लेने के आरोप लग रहे थे। अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि वह सरकारी योजनाओं के कार्यों में कमीशन मांग रही थीं। विजिलेंस विभाग ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जाल बिछाया और एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
घर से दबोचा, गाड़ी में बैठाकर ले गई विजिलेंस टीम
गुप्त सूचना के आधार पर विजिलेंस की टीम ने उनके घर पर छापा मारा और मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, गिरफ्तारी के समय भारी हंगामा हुआ, लेकिन विजिलेंस अधिकारी पहले से पूरी तैयारी में थे। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें सरकारी गाड़ी में बैठाकर लखनऊ ले जाया गया, जहां आगे की पूछताछ की जा रही है।
भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है और अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। इस मामले में भी विजिलेंस विभाग पूरी तरह से सख्त दिख रहा है।
आगे क्या होगा?
DPRO किरण चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। विजिलेंस टीम उनके बैंक खातों, संपत्तियों और अन्य दस्तावेजों की जांच कर सकती है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
DPRO किरण चौधरी की गिरफ्तारी एक सख्त संदेश है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से सरकारी अधिकारियों में खलबली मची हुई है, वहीं जनता इसे ईमानदारी की जीत के रूप में देख रही है।