नई दिल्ली, 5 फरवरी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा का कारण उनका अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का आक्रामक रुख है। ट्रंप प्रशासन ने अपने पिछले कार्यकाल में भी अवैध प्रवास को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए थे, लेकिन अब उन्होंने एक नया तरीका अपनाया है—मिलिट्री प्लेन्स से डिपोर्टेशन।
स फैसले के तहत कई देशों के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों में भरकर उनके देश भेजा जा रहा है, जिसमें भारतीय नागरिकों को भी शामिल किया गया। हालांकि, इस प्रक्रिया पर अमेरिकी करदाताओं के पैसों की भारी बर्बादी का आरोप लग रहा है। सवाल यह है कि जब कम खर्च में कमर्शियल फ्लाइट्स उपलब्ध हैं, तो फिर मिलिट्री प्लेन्स का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?
ट्रंप का सख्त रुख: ‘अवैध प्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं’
डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ही अवैध प्रवास के खिलाफ रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान मैक्सिको बॉर्डर पर सख्त सुरक्षा, वीजा नीतियों में बदलाव और अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी जैसी नीतियों को लागू किया गया। अब जब वे दोबारा चुनावी दौड़ में हैं, तो अपने समर्थकों को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अवैध प्रवास के मुद्दे पर पहले से भी ज्यादा सख्त हैं।
मिलिट्री प्लेन्स का उपयोग क्यों?
- तेजी से डिपोर्टेशन प्रक्रिया: ट्रंप प्रशासन का मानना है कि मिलिट्री प्लेन्स के जरिए प्रवासियों को जल्दी और सीधे उनके देश भेजा जा सकता है।
- सुरक्षा कारण: ट्रंप समर्थकों का तर्क है कि अवैध प्रवासियों को कमर्शियल फ्लाइट्स से भेजने पर सुरक्षा संबंधी खतरे हो सकते हैं।
- राजनीतिक संदेश: ट्रंप के इस फैसले को राजनीतिक स्टंट भी माना जा रहा है, जिससे वे अपने मतदाताओं को दिखा सकें कि वे अमेरिका की सीमा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
भारतीय प्रवासियों पर असर
हाल ही में कई भारतीय नागरिकों को भी डिपोर्ट किया गया, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे या जिनके वीजा एक्सपायर हो चुके थे। इनमें खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और गुजरात के लोग शामिल थे, जो किसी न किसी तरीके से अमेरिका में अवैध एंट्री कर चुके थे।
क्या यह फैसला सही है?
ट्रंप के इस कदम पर विरोध और समर्थन दोनों मिल रहे हैं।
समर्थकों का कहना है कि अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए यह एक जरूरी कदम है।
विरोधियों का तर्क है कि मिलिट्री प्लेन्स के इस्तेमाल से अमेरिकी करदाताओं का पैसा बेवजह खर्च हो रहा है और कमर्शियल फ्लाइट्स एक सस्ता विकल्प हो सकता था।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला 2024 चुनाव प्रचार का हिस्सा भी हो सकता है, लेकिन इससे साफ है कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं, तो अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका में रहना और भी मुश्किल हो जाएगा। भारतीय प्रवासियों को भी अब कड़े इमिग्रेशन नियमों के लिए तैयार रहना चाहिए।