नई दिल्ली, 4 फरवरी। पाकिस्तान के कराची स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ मिश्र महाराज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल लगभग 400 हिंदुओं की अस्थियां लेकर भारत पहुंचा है। इन अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा। यह तीसरी बार है जब विभाजन के बाद पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत लाई गई हैं; इससे पहले 2011 और 2016 में भी अस्थियां लाई गई थीं।
महंत रामनाथ मिश्र ने बताया कि पाकिस्तान में कई हिंदुओं की इच्छा होती है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित की जाएं। उनके परिजन उनकी यह अंतिम इच्छा पूरी करना चाहते हैं। अस्थियों को मंदिरों में कलश में सुरक्षित रखा जाता है, और जब पर्याप्त संख्या में कलश इकट्ठे हो जाते हैं, तो भारत का वीजा लेने का प्रयास किया जाता है। इस बार, वे लगभग 400 कलश लेकर आए हैं, जो पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की गई हैं।
दिल्ली की श्री देवोथान सेवा समिति के महासचिव विजय शर्मा ने बताया कि 4 से 21 फरवरी तक अस्थियों को दिल्ली के निगम बोध घाट पर रखा जाएगा, जहां लोग आकर श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद, 22 फरवरी को हरिद्वार के कनखल स्थित सीता घाट पर वैदिक रीति-रिवाजों के साथ इन अस्थियों का गंगा में विसर्जन किया जाएगा। इसके साथ 100 किलो दूध की आहुति भी दी जाएगी, जो एक पारंपरिक हिंदू रस्म है।
महंत रामनाथ मिश्र के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधिमंडल के पास लखनऊ और हरिद्वार जाने के लिए वीजा है। वे प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में पवित्र स्नान करने की भी इच्छा रखते हैं और इसके लिए वीजा विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।
यह पहल न केवल धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करती है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी मजबूत करती है।