मुंबई , 01 फरवरी। महाराष्ट्र सरकार ने देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे से जुड़े एक झूठे केस की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। मामला उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल का है।
MVA सरकार ने 2022 में विपक्ष के तत्कालीन नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार करने की साजिश रची थी। हालांकि उस वक्त शिंदे MVA सरकार का ही हिस्सा थे।
इसका खुलासा पूर्व DGP संजय पांडे और तत्कालीन DCP लक्ष्मीकांत पाटिल के बीच एक ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद हुआ था।
फडणवीस के भरोसेमंद सहयोगी प्रवीण दारेकर ने दिसंबर 2024 में नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाया था। दारेककर ने उस समय खुलासा किया था कि कथित तौर पर साजिश से जुड़े ऑडियो क्लिप प्रमुख टीवी चैनलों पर चलाए गए थे।
अब SIT जांच का आदेश दिया गया इसी संबंध में 28 जनवरी को कैबिनेट मंत्री शंभुराजे देसाई ने विधानसभा में घोषणा की कि इस जांच की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) सत्यनारायण चौधरी को सौंपी गई है।
चार सदस्यीय इस टीम में राज्य रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक राजीव जैन, मुंबई पुलिस उपायुक्त नवनाथ धवले और सहायक आयुक्त अदिकराव पोल भी शामिल हैं। इस SIT को 30 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
विपक्ष बोला- तीन साल बाद इस मुद्दे को उठाने की जरूरत क्यों पड़ी विपक्ष ने इन दावों का मजाक उड़ाया है और सवाल किया है कि महायुति सरकार तीन साल से अधिक समय से सत्ता में है। महायुति को तीन साल बाद इस मुद्दे को उठाने की जरूरत क्यों महसूस हुई।
दरअसल, नवंबर 2019 से जून 2022 तक महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के शासन के दौरान, मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, जबकि एकनाथ शिंदे शहरी विकास मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा थे।
जून 2022 में शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और MVA सरकार को गिराकर मुख्यमंत्री बने। इसके बाद फडणवीस को शिंदे के डिप्टी के रूप में नियुक्त किया गया।