नई दिल्ली,18 जनवरी। भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूदा स्थिति को लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर आर्मी चीफ और सरकार का रुख एक जैसा ही है।
दरअसल आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को कहा था कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (चीन सीमा) पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन कंट्रोल में है।
इस टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सेना प्रमुख ने जो कहा है और हमने जो रुख अपनाया है, उसके बीच हमें कोई विरोधाभास नहीं दिखता।
विदेश मंत्रालय बोला- LAC पर तनाव कम करने का काम जारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग कर रहे थे। जनरल द्विवेदी के हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने कहा कि भारत-चीन सीमा मुद्दे पर सेना और विदेश मंत्रालय एक ही पृष्ठभूमि पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर भी संसद में कह चुके हैं कि, LAC पर तनाव कम करने का काम अभी भी जारी है।
अब जानिए आर्मी चीफ ने चीन बॉर्डर और LAC पर सिचुएशन पर क्या कहा था… जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश की सभी सीमाओं पर सुरक्षा को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने चीन बॉर्डर, म्यांमार बॉर्डर के अलावा मणिपुर हिंसा को लेकर आर्मी की तैयारियों के बारे में बताया।
- LAC पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन सिचुएशन अंडर कंट्रोल है। अक्टूबर 2024 में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में LAC पर विवाद की स्थिति सुलझ गई है। इन दोनों इलाकों में अब पेट्रोलिंग भी शुरू हो गई है।
- मैंने अपने सभी को-कमांडर्स को पेट्रोलिंग के संबंध में जमीनी स्तर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है। इन मुद्दों को सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सकता है। LAC पर हमारी तैनाती बैलेंस्ड और मजबूत है। हमने उत्तरी सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाते हुए स्पेशल टैक्नोलॉजी को शामिल किया है।
- भारतीय नौसेना हमारे साथ पैंगोंग सो लेक पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है। उनकी स्पेशल फोर्स जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर हमारे साथ काम कर रही है। इसमें डीप डाइवर्स भी शामिल हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने संसद में क्या कहा था विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 3 दिसंबर को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी थी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा था कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट हो चुका है। हालांकि LAC पर अभी भी कई इलाकों में विवाद है। भारत का मकसद ऐसा समाधान निकालना है, जो दोनों देशों को मंजूर हो।