रोहतास,14 जनवरी। बीते दिनों तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कह दिया था कि इंडिया अलायंस लोकसभा चुनाव लड़ने के लइए राष्ट्रीय स्तर पर था. उनके इस बयान का सीधा मतलब निकाला गया कि बिहार में आरजेडी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव तो लड़ा ही जाएगा, वहीं, कांग्रेस को उसकी दावेदारी के अनुसार सीटों की हिस्सेदारी मिलेगी या नहीं यह तेजस्वी यादव तय करेंगे. लेकिन, दूसरी ओर कांग्रेस के तेवर ढीले नहीं पड़ते नहीं दिख रहे हैं. 18 जनवरी को राहुल गांधी के पटना दौरे से पहले कांग्रेस नेताओं के बड़े-बड़े बयान सामने आ रहे हैं. अखिलेश सिंह, शकील अहमद खान, अजीत शर्मा जैसे कद्दावर नेता पहले ही बयान दे चुके हैं और इसी कड़ी में अब ऐसे विधायक ने बयान दिया है जो कांग्रेस की 25 सदस्यीय कोर कमेटी से आते हैं. उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि कांग्रेस बिहार में 70 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने को तैयारनहीं है.
रोहतास जिले के कांग्रेस के करगहर के विधायक संतोष मिश्रा ने दावा किया है कि बिहार विधानसभा में कुल 70 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं है, क्योंकि पिछली बार भी उनकी पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उन्होंने सासाराम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह यह दावा कोई हल्के में नहीं कर रहे हैं, क्योंकि बिहार कांग्रेस की 25 सदस्य वाली कोर कमेटी में भी वे शामिल हैं और वह अपनी बात पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि 70 सीटों से कम पर कहीं कोई बात नहीं हो सकती है.
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि यह अलग बात है कि गठबंधन धर्म के कारण दो-चार पर अदला-बदली हो जाए, लेकिन 70 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने का कहीं कोई सवाल ही नहीं है. करगहर विधायक ने कहा कि उनका गठबंधन का नेतृत्व वैसे तो राष्ट्रीय जनता दल कर रहा है, लेकिन सीपीएम, सीपीआई सहित 6 दलों का मजबूत गठबंधन है. ऐसे में कांग्रेस पूरी जवाबदेही के साथ 70 सीटों पर चुनाव लगेगी और 18 तारीख से उन तमाम 70 सीटों पर जय बापू, जय भीम,जय संविधान कार्यक्रम की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे. विधायक संतोष मिश्र ने यह भी कहा कि महागठबंधन के साथियों को भी यह बात स्पष्ट रूप से बता दिया गया है.
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और राजद के बीच सीटों की हिस्सेदारी को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो चुकी है. कांग्रेस ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 70 सीटों पर दावेदारी ठोक दी है, जबकि बिहार महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, सीपीआई एमएल, सीपीआई, सीपीएम और विकासशील इंसान पार्टी समेत छह दल शामिल हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव के बयान के बाद कांग्रेस के तेवर विधानसभा चुनाव के संदर्भ में दबाव में नहीं आने की रणनीति कही जा सकती है. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि महागठबंधन को लेकर राहुल गांधी पटना में किस तरह का रुख दिखाते हैं.