नई दिल्ली,21 दिसंबर। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब नीति घोटाले में केस चलाने की अनुमति ED को मिल गई है। ANI के सूत्रों के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना ने शनिवार को अनुमति दे दी है।
ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केस चलाने के लिए अनुमति मांगते हुए कहा था- शराब घोटाले की जांच में पता चहा है कि शराब नीति को लागू करने के दौरान भ्रष्टाचार हुआ है।
दरअसल, शराब घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को फैसला सुनाते हुए कहा था कि पब्लिक सर्वेंट पर सरकार की अनुमति के बिना मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत केस नहीं चलाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ED द्वारा पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अनुमति जरूरी नहीं थी। यह CBI और राज्य पुलिस जैसी अन्य जांच एजेंसियों के लिए अनिवार्य था।
इधर, केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा- ED मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही है। बाबा साहब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इन्हें जुमलेबाजी बंद करनी चाहिए।
जुलाई में चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दायर हुई थी, 4 पॉइंट में पूरा मामला
- ED ने ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ 7वीं चार्जशीट दायर की थी। ट्रायल कोर्ट ने 9 जुलाई को चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कहा था- केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
- केजरीवाल ने नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट में ED की 7वीं चार्जशीट पर संज्ञान लेने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ED ने जो आरोप लगाए हैं, उन आरोपों के समय वे पब्लिक सर्वेंट थे।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। केस चलाने के लिए ED के पास आवश्यक मंजूरी नहीं थी। इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर एक्शन लिया।
- हाईकोर्ट से केजरीवाल की मांग खारिज होने के बाद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जहां कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है।
शराब नीति केस- केजरीवाल 156 दिन जेल में बिता चुके केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से 13 सितंबर को उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्होंने 156 दिन जेल में बिताए।