नई दिल्ली,बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को फासीवादी बताया है। बांग्लादेश के विजय दिवस से एक दिन पहले रविवार शाम को जारी बयान में हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। ये सरकार आजादी विरोधी और कट्टरपंथियों की समर्थक है।
शेख हसीना ने कहा कि देश विरोधी ताकतों ने घरेलू और विदेशी षड्यंत्रों के जरिए अवैध और असंवैधानिक तरीके से सत्ता पर कब्जा कर लिया।
बांग्लादेश में आज आजादी की 53वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 1971 में आज ही के दिन बांग्लादेश ने भारत की मदद से पाकिस्तान से आजादी हासिल की थी।
मुक्ति संग्राम का इतिहास मिटाने की कोशिश
पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस की सरकार का मकसद आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ लोगों के मन में गुस्से पैदा करना है। यह सरकार मुक्ति संग्राम का इतिहास और उसकी भावना को मिटाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि ये लोग बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम की भावना को मिटाने के लिए मनगढ़ंत कहानियां फैला रहे हैं। अगर ऐसा हो जाता है तो वो बंगालियों की महान उपलब्धि को कलंक में बदल देंगे।
आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट
बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। यह आरक्षण खत्म कर दिया गया तो छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए।
इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली।