ओडिशा, 12 दिसंबर ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जमानत पर रिहा हुए एक बलात्कार के आरोपी ने अपनी ही पीड़िता की निर्मम हत्या कर दी और सबूत मिटाने के लिए उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगा दिया। आरोपी की पहचान कुनू किसान के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी कुनू किसान ने पिछले साल अगस्त में सुंदरगढ़ जिले में एक लड़की का रेप किया था। इस घटना के बाद पीड़िता ने धारुआडीह पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, तीन महीने बाद, पिछले साल दिसंबर में, आरोपी को जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया।
7 दिसंबर 2024 को पीड़िता के घरवालों ने लड़की के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। झारसुगुड़ा के पुलिस अधीक्षक परमार स्मित पुरुषोत्तम दास ने बताया कि लड़की अपनी मौसी के घर से लापता हुई थी। शुरुआती जांच में पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया, जिसके बाद उन्होंने एआई की मदद लेने का निर्णय लिया।
पुलिस अधीक्षक दास ने बताया कि उन्होंने गायब लड़की की तस्वीर को इलाके के स्मार्ट सिटी सीसीटीवी सिस्टम में अपलोड किया। सिस्टम में तस्वीर अपलोड करने के बाद, पुलिस को एक फुटेज मिला, जिसमें लड़की दो युवकों के साथ एक बाइक पर दिखाई दी। हालांकि, बाइक की नंबर प्लेट गलत पाई गई।
फुटेज का गहराई से विश्लेषण करने और इलाके की जांच के बाद, पुलिस ने लेफ्रिपाड़ा पुलिस स्टेशन के तहत रहने वाले कुनू किसान की पहचान की। इस सुराग ने जांच को एक नई दिशा दी और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने पीड़िता की हत्या की और सबूत मिटाने के लिए शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इसके बाद उसने इन टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगा दिया। पुलिस ने शव के अवशेष बरामद करने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक दास ने बताया कि इस मामले में तकनीक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एआई के इस्तेमाल से यह साबित होता है कि अपराध रोकने और सुलझाने में आधुनिक तकनीक कितनी कारगर हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना ने न्याय प्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर जमानत के प्रावधानों पर, जो कई बार अपराधियों को और अपराध करने का अवसर देते हैं।
यह घटना न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश में न्याय प्रणाली और महिला सुरक्षा को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ सकती है। पीड़िता के परिवार ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, पुलिस ने मामले की तह तक जाने और पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने का वादा किया है।
इस अमानवीय घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।