शिमला,28 नवम्बर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के भोटा में राधास्वामी सत्संग ब्यास डेरे का अस्पताल एक दिसंबर से बंद होने जा रहा है. ऐसे में यहां पर लोग बीते तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं. इलाके के आसपास की महिलाओं सहित डेरा समर्थक सड़कों पर जाम लगा रहे हैं. अब मामला बढ़ने के बाद सरकार ने भी 1 दिसंबर को अहम मीटिंग बुलाई है.
दरअसल, इस पूरे मामले के चलते हिमाचल सरकार अब लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन करने जा रही है. यह संशोधन राधास्वामी सत्संग ब्यास के लिए हो रहा है. क्योंकि यह एक्ट अस्पताल की जमीन ट्रांसफर करने में आड़े आ रहा है.
जानकारी के अनुसार, हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की जमीन को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को ट्रांसफर करना चाहती है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें हर साल 2 करोड़ रुपये जीएसटी देना पड़ रहा है, जबकि वह मुफ्त में लोगों को इलाज देते हैं. ऐसे में प्रबंधन चाहता है कि जमीन को उनकी सिस्टर कन्सर्न संस्था को ट्रांसफर कर दिया जाए.
हालांकि, ऐसा संभव नहीं है. क्योंकि हिमाचल प्रदेश में धारा-118 के तहत जमीन का मालिकाना हक नहीं बदला जा सकता है. उधर, सुक्खू सरकार अब अब ऑर्डिनेंस के जरिए लैंड सिलिंग एक्टे में बदलाव की तैयारी में हैं. राजस्व विभाग ने अध्यादेश का ड्राफ्ट विधि विभाग में स्क्रीनिंग के लिए भेज दिया है. इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा. यहां अनुमति मिलने के बाद भारत सरकार को प्रेसिडेंट एसेंट के लिए भेजा जाएगा. वहां से अनुमति आने के बाद यह नोटिफाई होगा. ऐसा इसलिए करना पड़ेगा, क्योंकि इस एक्ट को संविधान की प्रोटेक्शन प्राप्त है.
कितनी जमीन है संस्था के पास
राधास्वामी सत्संग ब्यास के पास हिमाचल में 6000 बीघा से ज्यादा की लैंड होल्डिंग है. पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार के समय 2014 में इन्हें लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दी गई थी. तब भारत सरकार ने एक राइडर लगा दिया था कि लैंड सीलिंग की सीमा से बाहर की जमीन को ये सेल, लीज, गिफ्ट, विल, मॉर्टगेज या किसी अन्य तरीके से ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे. इसी राइडर की बाधा को अब हटाया जा रहा है.