दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे

Date:

नई दिल्ली,29 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन के प्रमोशन की सिफारिश की। वे ऑल इंडिया सीनयॉरिटी लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं और दिल्ली हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 34 पदों में से 2 पद अभी खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की यह पहली कॉलेजियम बैठक थी। कॉलेजियम में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एएस ओका शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन के बेटे हैं जस्टिस मनमोहन जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर, 1962 को दिल्ली में हुआ था। वे जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा ​​के बेटे हैं। जस्टिस मनमोहन ने हिंदू कॉलेज से इतिहास में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर से LLB किया है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से की थी। इस दौरान उन्होंने सिविल, क्राइम, कॉन्सटिट्यूश, टैक्सेशन, ट्रेडमार्क और सर्विस के मुकदमों में पैरवी की। इसमें दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम ज्वेलरी ट्रस्ट, क्लैरिजेस होटल विवाद, मोदी परिवार, गुजरात अंबुजा सीमेंट के सेल्स टैक्स मामले और फतेहपुर सीकरी अतिक्रमण जैसे हाई प्रोफाइल केस शामिल हैं।

जस्टिस मनमोहन दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल एडवोकेट के रूप में भी काम कर चुके हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2003 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था।

जस्टिस मनमोहन को मार्च, 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट का एडिशन जज नियुक्त किया गया और दिसंबर, 2009 में पर्मानेंट जज के रूप में प्रमोशन दिया गया। वे 9 नवंबर, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस बने और 29 सितंबर, 2024 को चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए।

सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट जज बनाने के लिए कॉलेजियम व्यवस्था हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों को चुनने के लिए एक तय प्रक्रिया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कहते हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज शामिल होते हैं। केंद्र इसकी सिफारिशों को स्वीकार करते हुए नए CJI और अन्य जजों की नियुक्ति करता है।

परंपरा के तहत सुप्रीम कोर्ट में अनुभव के आधार पर सबसे सीनियर जज ही चीफ जस्टिस बनते हैं। यह प्रक्रिया एक ज्ञापन के तहत होती है, जिसे MoP यानी ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर फॉर द अपॉइंटमेंट ऑफ सुप्रीम कोर्ट जजेज’ कहते हैं।

साल 1999 में पहली बार MoP तैयार हुआ। यही डॉक्यूमेंट, जजों के अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया में केंद्र, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दायित्व तय करता है। MoP और कॉलेजियम के सिस्टम को लेकर संविधान में कोई अनिवार्यता या कानून नहीं बनाया गया है, लेकिन इसी के तहत जजों की नियुक्ति होती आ रही है। हालांकि 1999 में MoP तैयार होने के पहले से ही CJI के बाद सबसे सीनियर जज को पदोन्नत कर CJI बनाने की परंपरा है।

साल 2015 में संविधान में एक संशोधन करके राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) बनाया गया था, यह जजों की नियुक्ति में केंद्र की भूमिका बढ़ाने वाला काम था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया। इसके बाद MoP पर बातचीत जारी रही। बीते साल भी केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी MoP को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सेंसेक्स 226 अंक की तेजी के साथ 78,699 पर बंद

नई दिल्ली,27 दिसंबर। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज...

सोनू सूद बोले- एक्शन में बेंचमार्क साबित होगी ‘फतेह

नई दिल्ली,27 दिसंबर। एक्टर सोनू सूद अपकमिंग फिल्म फतेह...

इजराइली बमबारी में WHO चीफ ट्रेडोस बचे

नई दिल्ली,27 दिसंबर। यमन की राजधानी सना में एयरपोर्ट...