नई दिल्ली,25 नवम्बर। महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कद आज इतना बड़ा हो गया है कि वह सत्ता की धुरी बन चुकी है। लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था। एक समय था जब बीजेपी राज्य में शिवसेना के साथ गठबंधन में “छोटे भाई” की भूमिका निभा रही थी। इस बदलाव की कहानी में बीजेपी नेता प्रमोद महाजन का दृष्टिकोण और उनकी रणनीति महत्वपूर्ण रही है।
प्रमोद महाजन का जवाब और दूरदर्शी सोच
1990 के दशक में जब बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ, तब शिवसेना महाराष्ट्र में एक मजबूत क्षेत्रीय पार्टी थी, जबकि बीजेपी का प्रभाव सीमित था। प्रमोद महाजन से जब पूछा गया कि बीजेपी ने “छोटे भाई” की भूमिका क्यों स्वीकार की, तो उन्होंने कहा, “हम छोटे भाई इसलिए बने हैं क्योंकि हमें यह विश्वास है कि एक दिन हम बड़े भाई बन जाएंगे।”
यह बयान बीजेपी की राजनीतिक दृष्टि और उसके दीर्घकालिक लक्ष्य को दर्शाता है। महाजन का मानना था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए पहले शिवसेना के साथ सह-अस्तित्व आवश्यक है।
छोटे भाई से बड़े भाई तक का सफर
बीजेपी ने यह साबित कर दिया कि उसकी राजनीतिक रणनीति दूरगामी थी। शिवसेना के साथ गठबंधन में रहते हुए बीजेपी ने धीरे-धीरे अपनी पार्टी का विस्तार किया। उसने अपने कैडर को मजबूत किया, शहरी इलाकों में अपने आधार को बढ़ाया और क्षेत्रीय मुद्दों पर जनता के बीच अपनी पकड़ बनाई।
2014 में बीजेपी ने राज्य में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जब उसने विधानसभा चुनाव में शिवसेना से ज्यादा सीटें जीतीं। यह वह मोड़ था जब “छोटा भाई” “बड़े भाई” में बदल गया।
शिवसेना का विघटन और बीजेपी का लाभ
हाल के वर्षों में शिवसेना का विघटन और उसके नेताओं का बंटवारा भी बीजेपी के पक्ष में गया। शिवसेना के भीतर की अंदरूनी कलह और एकनाथ शिंदे जैसे नेताओं का बीजेपी के साथ जाना, पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुआ। इसने न केवल बीजेपी को महाराष्ट्र में मजबूत किया, बल्कि विपक्ष को कमजोर भी किया।
महाराष्ट्र में बीजेपी की कामयाबी के कारण
दृढ़ संगठनात्मक ढांचा: बीजेपी ने महाराष्ट्र में अपना कैडर मजबूत किया और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेतृत्व तैयार किया।
सही गठबंधन: बीजेपी ने गठबंधन की राजनीति में रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया।
सत्ता का प्रबंधन: बीजेपी ने शिवसेना के साथ रहते हुए सत्ता का अनुभव प्राप्त किया और जनता के मुद्दों पर पकड़ बनाई।
नेतृत्व की स्पष्टता: देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं के नेतृत्व में पार्टी ने एक स्पष्ट एजेंडा और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में बीजेपी की कामयाबी की कहानी, “छोटे भाई” की भूमिका से “बड़े भाई” बनने तक के सफर की कहानी है। प्रमोद महाजन की दूरदर्शी सोच और संगठनात्मक रणनीति ने बीजेपी को राज्य में एक प्रभावशाली ताकत बना दिया। आज महाराष्ट्र में बीजेपी न केवल सत्ता की धुरी है, बल्कि विपक्ष को भी चुनौती दे रही है। यह कहानी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण सबक देती है कि दीर्घकालिक दृष्टि और रणनीति से बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।