उत्तर प्रदेश,16 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें न्यूबॉर्न इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की जलकर मौत हो गई। हादसे के समय वार्ड में कुल 47 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 37 बच्चों को खिड़की तोड़कर बचा लिया गया। यह घटना शुक्रवार रात की है और पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
घटना का विवरण
बताया जा रहा है कि आग रात करीब 10 बजे मेडिकल कॉलेज के NICU में लगी। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण माना जा रहा है।
तेजी से फैली आग: NICU में कई उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर थे, जिससे आग तेजी से फैल गई।
बचाव अभियान: अस्पताल के कर्मचारियों और दमकल विभाग ने तुरंत मौके पर पहुंचकर 37 बच्चों को बचाया। हालांकि, 10 नवजात को बचाने में नाकाम रहे।
परिजनों का आक्रोश: हादसे के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
योगी सरकार का त्वरित कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को झांसी भेजा है। ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी संभालते हैं।
जांच के आदेश: सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
मुआवजे की घोषणा: मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की गई है।
दोषियों पर कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन की भूमिका की जांच कर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हादसे की वजह और सवाल
अस्पताल में इस तरह की आग लगने की घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी: NICU जैसे संवेदनशील वार्ड में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे?
इमरजेंसी प्लान की कमी: हादसे के समय बच्चों को तुरंत सुरक्षित निकालने की व्यवस्था क्यों नहीं थी?
अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी: क्या अस्पताल प्रशासन ने समय पर फायर ऑडिट और उपकरणों की जांच कराई थी?
देशभर में आक्रोश
इस हृदयविदारक घटना पर पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। विपक्षी दलों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही करार देते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी: अखिलेश यादव ने कहा कि “सरकार की लापरवाही ने मासूमों की जान ले ली।”
कांग्रेस: प्रियंका गांधी ने घटना पर दुख जताते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
निष्कर्ष
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुआ यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की सख्त जरूरत को भी रेखांकित करता है। सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि ऐसे संवेदनशील वार्ड में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार कैसे दोषियों को सजा देकर और व्यवस्थाओं में सुधार करके लोगों का विश्वास बहाल करती है।