महाराष्ट्र ,9 नवम्बर। उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखे शब्दों में निशाना साधा है। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में सभी दलों का ध्यान भाजपा की नीतियों और उनके नेताओं पर है। उन्होंने बीजेपी पर महाराष्ट्र में सत्ता और राजनीति को अपने हितों के अनुसार नियंत्रित करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में बीजेपी की लोकप्रियता घट रही है, जिसके कारण वे अन्य दलों पर निशाना साध रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी का प्रभाव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रभाव अब पहले जैसा नहीं रहा है। उन्होंने यह दावा किया कि राज्य के अधिकांश दलों में एकजुटता है और उनका लक्ष्य बीजेपी की राजनीति के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष बनाना है। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता अब बीजेपी के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखती है, और इसके चलते ही अन्य राजनीतिक दलों में भी यह भावना पनप रही है कि राज्य को बीजेपी की नीतियों से अलग दिशा में ले जाना जरूरी है।
उद्धव ठाकरे का आरोप: ‘बाहरी हस्तक्षेप से महाराष्ट्र की संस्कृति खतरे में’
उद्धव ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपराओं को बदलने का प्रयास कर रही है। ठाकरे ने कहा कि बाहरी हस्तक्षेप के कारण राज्य की सांस्कृतिक धरोहर प्रभावित हो रही है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर राज्य में लाए जा रहे ‘हिंदुत्व’ के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का हिंदुत्व सिर्फ राजनीति के लिए है, जबकि महाराष्ट्र का हिंदुत्व समावेशी और सहिष्णु है।
मराठा आरक्षण का मुद्दा और बीजेपी की रणनीति
ठाकरे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भी बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मराठा आरक्षण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, और केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की नीति सिर्फ लोगों को विभाजित कर उनसे राजनीतिक लाभ उठाने की रही है। ठाकरे ने यह भी कहा कि मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी ने जो रणनीति अपनाई है, उससे राज्य में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
मोदी-शाह की नीतियों पर सवाल
ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की नीतियों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां जनहित के लिए नहीं, बल्कि पार्टी के राजनीतिक हित के लिए हैं। ठाकरे ने विशेष रूप से उद्योगों और नौकरियों का मुद्दा उठाया और कहा कि महाराष्ट्र के उद्योगों को गुजरात ले जाया जा रहा है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
क्या महाराष्ट्र में बीजेपी विरोधी मोर्चा बन रहा है?
ठाकरे के बयानों से यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ एक विपक्षी मोर्चा बनने की संभावना है। एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) जैसे दल बीजेपी की नीतियों के खिलाफ एकजुट होते दिख रहे हैं। ठाकरे ने इस संभावित गठबंधन के बारे में संकेत देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अब सभी दल बीजेपी की राजनीति से असंतुष्ट हैं, और इसका असर आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
उद्धव ठाकरे के इन बयानों से साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के खिलाफ एक नई हवा बह रही है। ठाकरे का बीजेपी और मोदी-शाह पर हमला इस बात का संकेत है कि राज्य में विपक्षी दल एक मजबूत मोर्चा बनाकर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं। आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उद्धव ठाकरे की यह रणनीति सफल होती है और क्या महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव आता है।