मुंबई ,8 नवम्बर। मुंबई के मानखुर्द क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। महाराष्ट्र में आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को घेरने का नया तरीका अपनाया है। नवाब मलिक की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चल रहे मामलों के बहाने बीजेपी ने अब अबू आजमी के खिलाफ राजनीतिक हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि, इस रणनीति के पीछे किसी ‘तीसरे’ के खेल का भी संकेत मिल रहा है, जिसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलें तेज हो गई हैं।
नवाब मलिक के मुद्दे पर अबू आजमी पर हमले
नवाब मलिक, जो कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं, वर्तमान में जेल में हैं। उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन के आरोप लगाए हैं। बीजेपी इस मामले को बार-बार उठाते हुए विपक्ष पर लगातार हमले कर रही है, और अब इस मामले को अबू आजमी तक पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने इसे सिर्फ नवाब मलिक पर ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसके बहाने समाजवादी पार्टी को भी घेरने की रणनीति बनाई है।
अबू आजमी और मुस्लिम वोट बैंक पर निशाना
अबू आजमी, जो समाजवादी पार्टी के प्रभावशाली नेता हैं और खासकर मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय हैं, पर निशाना साधकर बीजेपी ने मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में मोड़ने की रणनीति बनाई है। महाराष्ट्र में, जहां मुस्लिम वोट बैंक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बीजेपी की यह चाल उनके लिए राजनीतिक लाभ की संभावना ला सकती है। इसके जरिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन वाले विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
‘तीसरे’ का गेम और बीजेपी की चाल
महाराष्ट्र में कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की इस चाल का मकसद सिर्फ अबू आजमी या नवाब मलिक को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक ‘तीसरे’ शक्ति का खेल भी शामिल है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी किसी और राजनीतिक गुट को समर्थन देकर विपक्ष में फूट डालने की कोशिश कर रही है। इस ‘तीसरे’ शक्ति का फायदा उठाने की कोशिश में बीजेपी समाजवादी पार्टी, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन को तोड़ने की योजना बना रही है।
मुस्लिम वोटों में विभाजन की रणनीति
बीजेपी की कोशिश है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम वोट बैंक में विभाजन हो, ताकि आगामी चुनावों में विपक्ष को नुकसान हो और बीजेपी को लाभ मिले। अबू आजमी जैसे नेताओं पर हमले से यह संभावित है कि समाजवादी पार्टी और एनसीपी के बीच दरार आएगी, और मुस्लिम समुदाय के मतदाता विभाजित होंगे। इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है, जो इस समुदाय का समर्थन पाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है।
महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़
महाराष्ट्र की राजनीति में यह नया मोड़ भविष्य में कई संभावित बदलाव ला सकता है। नवाब मलिक का मामला जहां एनसीपी के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है, वहीं अबू आजमी पर बीजेपी के हमले समाजवादी पार्टी और मुस्लिम समुदाय में बेचैनी पैदा कर रहे हैं।
निष्कर्ष
मानखुर्द में नवाब मलिक के मुद्दे को अबू आजमी पर आरोप लगाने के बहाने से बीजेपी ने एक रणनीतिक चाल चली है, जो महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित बड़े बदलावों की ओर संकेत करती है। बीजेपी का यह कदम मुस्लिम वोट बैंक और विपक्षी गठबंधन में विभाजन का कारण बन सकता है, जिससे आगामी चुनावों में बीजेपी को लाभ मिल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी और एनसीपी इस चाल का कैसे मुकाबला करती हैं, और क्या ‘तीसरे’ शक्ति का खेल बीजेपी की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं।