नई दिल्ली,1 नवम्बर।अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय का शुक्रवार काे निधन हो गया। वे 69 साल के थे।
एम्स दिल्ली की ओर से जारी बयान में कहा गया उन्हें आंतों से जुड़ी बीमारी (इंटेस्टाइन इन्फेक्शन) था। सुबह करीब 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित देबरॉय नीति आयोग के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने नई पीढ़ी के लिए सभी पुराणों का अंग्रेजी में आसान अनुवाद लिखा था।
डॉ. देबरॉय की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के नरेन्द्रपुर में रामकृष्ण मिशन स्कूल में हुई। इसके बाद उच्च शिक्षा उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से पूरी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक प्रखर विद्वान थे। वे अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में भी आनंद आता था।
जयराम रमेश बोले- देबरॉय के पास स्पेशल स्किल थी जयराम रमेश ने कहा कि बिबेक देबरॉय बेहतरीन अर्थशास्त्री थे। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर काम किया। उनके पास स्पेशल स्किल थी, जिससे उनके लिखे आर्टिकल और किताबों से मुश्किल इकोनॉमिक मुद्दों को लोग आसानी से समझ लेते थे।
जयराम रमेश ने लिखा कि देबरॉय को संस्कृत के सच्चे ज्ञाता के रूप में याद किया जाएगा। उनके ट्रांसलेशंस में महाभारत के 10 खंड, रामायण के 3 खंड और भागवत पुराण के 3 खंड शामिल हैं। उन्होंने भगवद्गीता और हरिवंश का भी ट्रांसलेशन किया।
जयराम रमेश ने कहा, ‘मैं बिबेक देबरॉय को लगभग चार दशकों से जानता था। हम सभी तरह के विषयों पर बातचीत करते थे। हाल ही में, मैंने उन्हें दो किताबें भेजी थीं, जिनके बारे में मुझे पता था कि वे उन्हें पसंद करेंगे। उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’