मुंबई,24 अक्टूबर। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रमुख दलों के बीच सीट बंटवारे पर एक बड़ी सहमति बन गई है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 270 सीटों पर कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के बीच साझा समझौता हो गया है। यह महाविकास अघाड़ी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे इन दलों के बीच समन्वय और एकता की दिशा में मजबूती आई है।
तीनों दलों के बीच समझौता
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेताओं के बीच कई बैठकों के बाद यह सहमति बनी है। इन दलों ने महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगियों को चुनौती देने के लिए एक साझा मंच पर आने का निर्णय लिया है। 270 सीटों पर सहमति बनने के बाद अब बाकी बची 18 सीटों पर बातचीत जारी है, जो अन्य छोटे दलों या निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए छोड़ी जा सकती हैं।
महाविकास अघाड़ी की रणनीति
महाविकास अघाड़ी का गठन 2019 में महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव था, जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस, और एनसीपी ने मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। हालांकि, शिवसेना में विभाजन और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद एमवीए ने अपनी राजनीतिक रणनीति को और मजबूत करने का फैसला किया है।
इन चुनावों में महाविकास अघाड़ी का उद्देश्य भाजपा-शिंदे गठबंधन को सत्ता से हटाना है। एमवीए अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों और भाजपा की नीतियों के खिलाफ अपने प्रचार अभियान को केंद्रित करेगा।
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस की भूमिका
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी, और कांग्रेस इस चुनाव में एकजुट होकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इन दलों के नेताओं का मानना है कि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ना उन्हें मजबूत करेगा और उन्हें अधिक सीटें जीतने का अवसर प्रदान करेगा।
सीट बंटवारे की प्रक्रिया
महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर कुछ मुद्दों पर असहमति थी, लेकिन तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर इन विवादों को सुलझा लिया। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी के बीच सीटों का बंटवारा उनकी क्षेत्रीय पकड़ और पिछले चुनावी परिणामों के आधार पर किया गया है। हालांकि, 18 सीटों पर अब भी चर्चा जारी है, जो जल्द ही सुलझने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का यह चुनावी गठबंधन भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। 270 सीटों पर सहमति बनने के बाद, एमवीए अब पूरी तैयारी के साथ चुनाव प्रचार में जुटने को तैयार है। जनता के बीच एमवीए की यह एकता, उनके लिए एक स्पष्ट संदेश है कि यह गठबंधन भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए एक मजबूत विकल्प है।