नई दिल्ली,21 अक्टूबर। शेयर बाजार ने सोमवार को ओपनिंग के साथ ही निवेशकों के चेहरों पर खुशी ला दी थी, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। शुरुआती तेजी के बाद अचानक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा। बाजार में यह उतार-चढ़ाव घरेलू और वैश्विक आर्थिक कारकों के चलते देखा गया।
सोमवार की ओपनिंग में तेजी
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार ने मजबूत शुरुआत की। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने पॉजिटिव नोट पर ट्रेडिंग शुरू की, जिससे निवेशकों में उत्साह था। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेत और घरेलू स्तर पर मजबूत आर्थिक आंकड़ों के चलते बाजार में तेजी आई थी। शुरुआती ट्रेडिंग में सेंसेक्स ने 300 अंकों की बढ़त हासिल की, जबकि निफ्टी ने 19,800 के स्तर को पार कर लिया था।
अचानक आई गिरावट
हालांकि, यह तेजी ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रह सकी और कुछ घंटों बाद बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो गया। सेंसेक्स अपनी शुरुआती बढ़त खोकर 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ लाल निशान में चला गया। वहीं, निफ्टी भी महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया और 19,700 के नीचे फिसल गया।
गिरावट के प्रमुख कारण
इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता: वैश्विक बाजारों में चल रही अस्थिरता का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की चिंताओं ने बाजार में दबाव बढ़ाया।
तेल की कीमतों में उछाल: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला, जिसने भारत जैसे तेल आयातक देशों की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डाला। इसके चलते भारतीय कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ा, जिससे बाजार में बिकवाली का दौर शुरू हो गया।
मुनाफावसूली: पिछले कुछ हफ्तों में बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिससे कई निवेशकों ने मुनाफा वसूलने के लिए शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी। इस मुनाफावसूली ने बाजार पर दबाव डाला और तेजी को गिरावट में बदल दिया।
निवेशकों के लिए संदेश
इस तरह के उतार-चढ़ाव शेयर बाजार का एक सामान्य हिस्सा हैं, लेकिन सोमवार की गिरावट ने निवेशकों को थोड़ा चिंतित कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सलाह दी है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और ठोस फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में निवेश बनाए रखें।
आगे का रास्ता
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार की चाल वैश्विक आर्थिक घटनाओं और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की खबर या घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआती तेजी ने निवेशकों को उत्साहित किया था, लेकिन अचानक आई गिरावट ने उन्हें निराश कर दिया। वैश्विक और घरेलू कारकों के चलते यह गिरावट देखी गई, जिससे बाजार में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए अवसर भी पैदा कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक नजरिया रखते हैं।