रूस ,19 अक्टूबर। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्रिक्स सम्मेलन से पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर सराहना की है। पुतिन ने विशेष रूप से यूक्रेन के मुद्दे पर भारत के रुख और पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वे पीएम मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने वैश्विक मंचों पर यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाया और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए। पुतिन का यह बयान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले आया है, जहां यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक शांति से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
भारत का संतुलित रुख
यूक्रेन संकट पर भारत ने शुरू से ही एक संतुलित और तटस्थ रुख अपनाया है। पीएम मोदी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे पर बातचीत और समाधान का आह्वान किया है। उनका कहना है कि “युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है” और इसके बजाय संवाद के माध्यम से समाधान की कोशिशें होनी चाहिए। भारत ने यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस के साथ अपने संबंधों को संतुलित बनाए रखा है और युद्ध के कारण होने वाले मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
पुतिन की तारीफ का महत्व
पुतिन का पीएम मोदी की तारीफ करना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण संकेत है। रूस और भारत के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को बरकरार रखा है। पुतिन के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि रूस भारत के संतुलित दृष्टिकोण को सम्मान की दृष्टि से देखता है और पीएम मोदी द्वारा उठाए गए शांति प्रयासों की सराहना करता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई बड़े देश यूक्रेन संघर्ष को लेकर विभाजित हैं और भारत इस बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।
ब्रिक्स सम्मेलन और संभावनाएं
ब्रिक्स सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध के अलावा कई अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है, जिनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, विकासशील देशों की चुनौतियां, और ऊर्जा सुरक्षा शामिल हैं। पुतिन की ओर से पीएम मोदी की सराहना से यह भी संकेत मिलता है कि रूस भारत के साथ मिलकर इन मुद्दों पर समाधान निकालने के लिए तैयार है। भारत ब्रिक्स के एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में हमेशा से वैश्विक शांति और सहयोग को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा है।
भारत-रूस संबंधों पर असर
पुतिन के इस बयान से भारत और रूस के संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव बढ़ा है, लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत रूस के साथ संबंध बनाए रखा है। भारत और रूस के बीच रक्षा, ऊर्जा, और व्यापार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण साझेदारी है। ऐसे में पुतिन द्वारा मोदी की तारीफ से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पीएम मोदी की यूक्रेन के मुद्दे पर नेतृत्व की तारीफ करना, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। भारत ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए संवाद और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। पुतिन का यह बयान ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।