नई दिल्ली,17 अक्टूबर। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पार्टी पर किसका अधिकार है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। ये याचिकाएं उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की तरफ से लगाई गई हैं।
NCP को लेकर 1 अक्टूबर को भी सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जवल भुइयां की बेंच बिना मामले सुने ही उठ गई थी। उससे पहले 25 सितंबर को हुई सुनवाई में शरद पवार एनसीपी गुट के वकील ने अपील की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का निपटारा करें।
वहीं शिवसेना को लेकर पिछली सुनवाई 8 अप्रैल को हुई थी। उद्धव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना और उनके विधायकों को योग्य बताने वाले महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चैलेंज किया है।
NCP की पिछली सुनवाई में क्या हुआ था… 25 सितंबर की सुनवाई में शरद पवार के वकील ने दावा किया था कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ हैं। वकील ने कहा कि अजित पवार गुट ने अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश दे।
दरअसल, शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके चुनाव आयोग के 6 फरवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अजित पवार समूह को आधिकारिक तौर पर असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की मान्यता दी गई थी और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया गया था।
शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को NCP और उसके चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने से रोका जा सके।