नई दिल्ली,15 अक्टूबर। भारत और कनाडा के बीच हाल के दिनों में बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डम ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर कड़ा प्रहार किया है। बोर्डम ने ट्रूडो की विश्वसनीयता और उनके नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रूडो की नीतियाँ और उनका नेतृत्व कनाडा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर कर रहा है।
ट्रूडो की विश्वसनीयता पर सवाल
डैनियल बोर्डम, जो कनाडा के एक प्रमुख पत्रकार माने जाते हैं, ने एक लेख में जस्टिन ट्रूडो की नीतियों और उनके नेतृत्व के तौर-तरीकों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रूडो की सरकार ने विदेश नीति में ऐसी रणनीतियाँ अपनाई हैं जो कनाडा के हितों के विपरीत हैं और देश की साख को नुकसान पहुँचा रही हैं। विशेष रूप से भारत के साथ बिगड़ते संबंधों को लेकर बोर्डम ने कहा कि ट्रूडो की नीतियों ने दोनों देशों के बीच गहरे मतभेद पैदा कर दिए हैं, जिसका खामियाजा कनाडा की जनता को भुगतना पड़ सकता है।
बोर्डम ने यह भी कहा कि ट्रूडो का नेतृत्व कमजोर हो रहा है और वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं। उन्होंने ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वह आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कनाडा की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव
भारत और कनाडा के बीच हालिया राजनयिक विवाद खालिस्तानी अलगाववादियों को लेकर उत्पन्न हुआ है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों को लेकर भारत ने कई बार चिंता जताई है। वहीं, कनाडा में खालिस्तानी समूहों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर भारत ने ट्रूडो सरकार की आलोचना की है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद गहरा गए हैं, और कूटनीतिक संबंधों में भी दरारें दिखने लगी हैं।
डैनियल बोर्डम ने इस मुद्दे पर ट्रूडो को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे को सही ढंग से नहीं संभाला, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई। बोर्डम का मानना है कि ट्रूडो का नेतृत्व इस मुद्दे पर असफल साबित हुआ है और इससे कनाडा की विदेश नीति को बड़ा नुकसान हुआ है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व पर प्रभाव
बोर्डम की आलोचना केवल विदेश नीति तक सीमित नहीं रही। उन्होंने ट्रूडो की घरेलू नीतियों को भी आड़े हाथों लिया, यह कहते हुए कि ट्रूडो का नेतृत्व आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर भी विफल रहा है। कनाडा में बेरोजगारी, महंगाई और आवास संकट जैसे मुद्दे प्रमुख हैं, और बोर्डम का कहना है कि ट्रूडो की सरकार इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं हो पाई है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी, ट्रूडो की छवि को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार उन पर आरोप लगा है कि वे दिखावटी राजनीति पर अधिक जोर देते हैं, जबकि गंभीर मुद्दों को सुलझाने में विफल रहते हैं। भारत के साथ बढ़ते तनाव ने उनके अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व पर और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कर्ष
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच, कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डम की यह कड़ी आलोचना प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। बोर्डम का कहना है कि ट्रूडो का नेतृत्व न केवल विदेश नीति में बल्कि घरेलू मोर्चे पर भी कमजोर हो रहा है। भारत के साथ बिगड़ते संबंध और घरेलू मुद्दों पर ध्यान न देने से ट्रूडो की सरकार की विश्वसनीयता पर गहरा असर पड़ा है। अब देखना होगा कि ट्रूडो इन आलोचनाओं का कैसे सामना करते हैं और क्या वे अपनी छवि सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं।