नई दिल्ली,14 अक्टूबर। रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ा एक्शन लिया है, जिसके तहत झारखंड के एक मंत्री से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में मंत्री के भाई और उनके निजी सचिव समेत कुल 20 जगहों पर छापे मारे गए। ईडी की इस कार्रवाई से झारखंड की राजनीति में हड़कंप मच गया है, और राज्य के सत्ता प्रतिष्ठान में हलचल पैदा हो गई है।
छापेमारी का कारण
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही है। ईडी को शक है कि मंत्री के भाई और उनके करीबी सहयोगी भ्रष्टाचार में शामिल हैं और सरकारी ठेके तथा अन्य परियोजनाओं के माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। इस संबंध में कई गुप्त सूचनाएं मिलने के बाद ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की है।
किन-किन जगहों पर छापे
ईडी ने रांची के विभिन्न हिस्सों में स्थित 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें मंत्री के भाई का घर, उनके निजी सचिव का कार्यालय और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल हैं। ईडी की टीमों ने दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य अहम सबूत जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ईडी की इस बड़ी कार्रवाई के बाद झारखंड की राजनीति में खलबली मच गई है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है और इसे भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, और यह छापेमारी उसी का प्रमाण है। वहीं, सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है और कहा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
ईडी की जांच का दायरा
ईडी की इस छापेमारी का दायरा केवल मंत्री के करीबियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन कंपनियों और व्यक्तियों तक भी फैलाया जा रहा है जो मंत्री से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इस मामले में कई संदिग्ध बैंक खातों, वित्तीय लेन-देन और अचल संपत्तियों की जांच शुरू की है। ईडी की टीमें उन सभी व्यक्तियों से पूछताछ कर रही हैं, जो इस मामले में संलिप्त हो सकते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
ईडी की इस छापेमारी ने राज्य के लोगों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या इस कार्रवाई से राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश लगेगा या यह सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा बनकर रह जाएगा। इस मामले पर जनता की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह राज्य के महत्वपूर्ण मंत्री से जुड़ा मामला है।
निष्कर्ष
रांची में ईडी की यह बड़ी कार्रवाई राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। मंत्री के भाई और निजी सचिव के ठिकानों पर छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि जांच एजेंसियां उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार को उजागर करने की दिशा में काम कर रही हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस जांच का क्या नतीजा निकलता है और क्या यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सफल होगी।