नई दिल्ली,5 अक्टूबर। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के शीर्ष अधिकारियों को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) द्वारा तलब किया गया है। SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को 24 अक्टूबर 2024 को इस पैनल के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। यह समन ऐसे समय पर आया है जब बाजार नियामक SEBI की भूमिका और कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
लोक लेखा समिति (PAC) ने SEBI के कार्यों और उसके द्वारा बाजार में नियमों के पालन की निगरानी पर चर्चा के लिए यह कदम उठाया है। PAC ने SEBI से कई मामलों में स्पष्टता और जानकारी की मांग की है, जिसमें बाजार में पारदर्शिता, निवेशकों की सुरक्षा, और हाल ही में सामने आए कुछ वित्तीय विवाद शामिल हैं।
माधबी पुरी बुच, जो 2022 में SEBI की चेयरपर्सन बनी थीं, ने अपने कार्यकाल में कई सुधारों की पहल की है, लेकिन कुछ बड़े विवादों के चलते SEBI की भूमिका पर सवाल उठे हैं। PAC की यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह बाजार नियामक की जवाबदेही और उसकी पारदर्शिता पर केंद्रित होगी।
समिति के सदस्यों द्वारा SEBI से कुछ प्रमुख मामलों पर रिपोर्ट मांगी गई है, जिनमें बाजार में धोखाधड़ी की घटनाएं, निवेशकों की शिकायतों का निपटारा और पूंजी बाजार में हो रहे बदलाव शामिल हैं। SEBI के शीर्ष अधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे, जहां उन्हें इन मामलों पर समिति के सवालों का जवाब देना होगा।
PAC की इस पहल से यह संकेत मिलता है कि सरकार और संसद बाजार नियामक संस्थानों की कार्यप्रणाली पर नजर रख रही हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही हैं। माधबी पुरी बुच की उपस्थिति और उनका बयान इस बैठक में SEBI के भविष्य के कदमों को लेकर महत्वपूर्ण होगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि SEBI इन चुनौतियों का सामना कैसे करता है और क्या कदम उठाता है ताकि निवेशकों का विश्वास बना रहे और बाजार में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।