इजरायली ,5 अक्टूबर।इजरायली सेना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक महत्वपूर्ण दावा किया है, जिसमें कहा गया है कि उसने पिछले चार दिनों में 2,000 से अधिक सैन्य ठिकानों और 250 हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों को खत्म कर दिया है। इस सैन्य कार्रवाई को इजरायल की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए एक आवश्यक कदम बताया जा रहा है।
इजरायली सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन हिज़्बुल्लाह की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया है, जो पिछले कुछ समय से सीमा के पास अपने ठिकानों को मजबूत करने में लगे हुए थे। इजरायल ने कहा कि उसकी सेना ने लक्ष्य के रूप में हिज़्बुल्लाह के महत्वपूर्ण ठिकानों को चुना, जहां से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।
इजरायली सेना ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में हवाई हमलों और अन्य सैन्य गतिविधियों के दृश्यों को साझा किया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे उनके ड्रोन और लड़ाकू विमान ने हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर सटीक हमला किया। इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल हिज़्बुल्लाह की सैन्य क्षमता को कमजोर करना है, बल्कि इजरायल की सीमाओं की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है।
हालांकि, इस प्रकार की सैन्य कार्रवाई पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों द्वारा चिंता जताई गई है। उनका कहना है कि ऐसे हमलों से नागरिकों को भी खतरा हो सकता है और यह क्षेत्र में शांति को बाधित कर सकता है।
इजरायल की सरकार ने अपने इन दावों का समर्थन करते हुए कहा है कि वे किसी भी स्थिति में अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हिज़्बुल्लाह अपनी गतिविधियों को जारी रखता है, तो इजरायली सेना ऐसे ही और भी बड़े ऑपरेशनों की योजना बना सकती है।
इस बीच, हिज़्बुल्लाह ने इजरायली सेना के इस दावे का खंडन किया है और इसे झूठा बताया है। उन्होंने कहा है कि इजरायली सेना अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए ऐसे दावों का सहारा ले रही है।
यह स्थिति न केवल इजरायल-लेबनान संबंधों पर प्रभाव डाल सकती है, बल्कि क्षेत्र में तनाव को भी बढ़ा सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति पर नजर रखने और शांति स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ाने की अपील की है।