हरियाणा ,28 सितम्बर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान पर अब विवाद खड़ा हो गया है। खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा हमला करते हुए बीजेपी की नीतियों और सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं। खट्टर के बयान को लेकर किसान संगठन भी नाराजगी जता रहे हैं, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
खट्टर का बयान:
हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने आंदोलन की वैधता और इसके पीछे के उद्देश्यों पर सवाल उठाया। खट्टर ने कहा कि आंदोलन को कुछ लोग भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, और यह किसान हितों से ज्यादा राजनीतिक एजेंडा लग रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आंदोलन की आड़ में कुछ बाहरी तत्व माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस का हमला:
खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और बीजेपी पर किसानों के साथ असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि खट्टर का बयान किसानों का अपमान है, जो अपनी जायज़ मांगों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “बीजेपी सरकार को किसानों के दर्द की कोई परवाह नहीं है। वे अपने अहंकार में इतने अंधे हो गए हैं कि उन्हें किसानों की पीड़ा और उनके संघर्ष का एहसास नहीं हो रहा।”
किसान संगठनों की प्रतिक्रिया:
किसान संगठनों ने भी खट्टर के बयान की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि सरकार लगातार किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है और अब आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। एक किसान नेता ने कहा, “हमारा आंदोलन पूरी तरह से किसान हितों के लिए है। यह आंदोलन हमारी जीविका और अस्तित्व की लड़ाई है, जिसे इस तरह से राजनीतिक एजेंडा बताना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बीजेपी का पक्ष:
वहीं, बीजेपी ने खट्टर के बयान का बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल आंदोलन के दौरान हो रही हिंसा और बाहरी हस्तक्षेप पर टिप्पणी की थी। पार्टी के नेताओं ने कहा कि किसानों के प्रति बीजेपी पूरी तरह से संवेदनशील है, और पार्टी ने हमेशा किसानों के हित में काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं ताकि राजनीतिक फायदा उठाया जा सके।
राजनीतिक माहौल:
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन ने देशभर में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा खड़ा कर दिया था, और अब भी यह मुद्दा संवेदनशील बना हुआ है। खट्टर के बयान के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक और मौका मिल गया है बीजेपी को घेरने का। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान से हरियाणा और राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
निष्कर्ष:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का किसान आंदोलन को लेकर दिया गया बयान एक नई राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। कांग्रेस और किसान संगठनों ने इसे बीजेपी की असंवेदनशीलता के रूप में पेश किया है, जबकि बीजेपी ने इसे विपक्ष की राजनीति बताया है। किसान आंदोलन और उससे जुड़े राजनीतिक विवाद अभी खत्म होते नहीं दिख रहे हैं, और आने वाले समय में यह मुद्दा और गर्मा सकता है।