उत्तर प्रदेश,24 सितम्बर।उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, सभी सरकारी अधिकारियों को ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर अपनी संपत्ति की घोषणा करने के लिए कहा गया है। यह निर्णय पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मानव संपदा पोर्टल का महत्व
‘मानव संपदा पोर्टल’ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो सरकारी कर्मचारियों की संपत्तियों और संपत्ति की जानकारी को संकलित और प्रबंधित करने के लिए बनाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से, सरकारी अधिकारी अपनी संपत्ति, आय, व्यय और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को सीधे प्रस्तुत कर सकते हैं।
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति के स्रोतों का पता लगाना और भ्रष्टाचार को रोकना है।
आदेश का विवरण
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारियों को अपने संपत्ति विवरण को मानव संपदा पोर्टल पर समय सीमा के भीतर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि संपत्ति की जानकारी सही और सटीक हो। किसी भी तरह की गड़बड़ी या धोखाधड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की सोच
उत्तर प्रदेश सरकार इस कदम के जरिए सरकारी प्रशासन में पारदर्शिता लाना चाहती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी कर्मचारी अपनी संपत्तियों का सही तरीके से खुलासा करें और यदि कोई अनियमितता हो तो उसे समय पर पहचाना जा सके।
सरकार का मानना है कि यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम साबित होगा और सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही को बढ़ाएगा।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस आदेश के बाद, सरकारी अधिकारियों के बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ अधिकारियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, जबकि कुछ ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया है। अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति की सही जानकारी देना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है, लेकिन पारदर्शिता के लिए यह आवश्यक है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा जारी किया गया यह आदेश राज्य में सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति की घोषणा अनिवार्य बनाना सरकारी प्रशासन को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उम्मीद है कि यह पहल भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी कार्यों में अधिक पारदर्शिता लाने में सफल होगी।