नई दिल्ली,23 सितम्बर। अनिल अंबानी, जो कभी भारतीय उद्योग जगत के सबसे बड़े नामों में गिने जाते थे, इन दिनों अपनी कंपनियों पर लदे कर्ज को खत्म करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। उनके प्रयासों का सकारात्मक असर अब उनके शेयरों पर दिखने लगा है। हाल ही में अनिल अंबानी की कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली, और कई कंपनियों के शेयरों ने ऊपरी सर्किट (Upper Circuit) छू लिया। यह निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास और कर्ज प्रबंधन की दिशा में उठाए गए कदमों का परिणाम है।
अनिल अंबानी की कंपनियों पर बीते कुछ सालों में भारी कर्ज का बोझ आ गया था, जिसके चलते कई कंपनियां आर्थिक मुश्किलों में फंस गई थीं। इसके बाद अंबानी ने एक मजबूत योजना के तहत कर्ज को खत्म करने और अपने व्यापार को पुनर्जीवित करने की दिशा में कई कदम उठाए। इनमें से कुछ प्रमुख कदमों में गैर-जरूरी संपत्तियों की बिक्री, कर्ज पुनर्गठन, और कुछ क्षेत्रों से बाहर निकलना शामिल है।
हाल ही में आई खबरों के अनुसार, अनिल अंबानी की कंपनियों की बैलेंस शीट में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, और उनके कर्ज को कम करने की योजना प्रभावी साबित हो रही है। इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि उनके स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रही है। निवेशक, जो पहले उनके समूह की कंपनियों से दूर हो रहे थे, अब दोबारा रुचि दिखा रहे हैं और बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं।
इसके अलावा, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अनिल अंबानी की कंपनियां इसी तरह अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लाती रहीं, तो भविष्य में ये कंपनियां फिर से अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं, लेकिन जिस तरह से अनिल अंबानी का पूरा ध्यान कर्ज कम करने और कंपनियों को पुनर्जीवित करने पर है, उससे उम्मीद की जा रही है कि वे इन कठिनाइयों को पार कर सकते हैं।
निवेशकों में बढ़ता भरोसा
कर्ज घटाने के साथ-साथ कंपनियों के बेहतर वित्तीय प्रदर्शन ने निवेशकों का भरोसा फिर से जीतना शुरू कर दिया है। इसका असर यह हुआ कि पिछले कुछ दिनों में अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के शेयरों ने मार्केट में ऊपरी सर्किट लगाते हुए बड़ी छलांग लगाई है। यह न केवल समूह के लिए, बल्कि भारतीय शेयर बाजार के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
अंततः, अनिल अंबानी की इस सफलता का सीधा संबंध उनकी कर्ज घटाने की रणनीति से है, जो भविष्य में उनके समूह के लिए एक मजबूत वित्तीय स्थिति तैयार करने में मददगार साबित हो सकती है।