दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए PWD, ट्रैफिक पुलिस और विशेषज्ञ मिलकर करेंगे काम

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नई दिल्ली,। 25 अप्रैल 25 । दिल्ली की सड़कों को जाम मुक्त और सुगम यातायात व्यवस्था से लैस करने के उद्देश्य से आज एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने की। बैठक में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, PWD के वरिष्ठ अधिकारी और ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़े विशेषज्ञों की तीन अलग-अलग कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक में सभी पक्षों ने ट्रैफिक जाम की मूलभूत समस्याओं पर चर्चा की और राजधानी में ट्रैफिक प्रबंधन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुधारने के तरीकों पर विचार किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था—दिल्ली की सड़कों को सुचारु बनाने के लिए एक दीर्घकालिक और टिकाऊ समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाना।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एक संयुक्त उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी जिसमें PWD, ट्रैफिक पुलिस और विशेषज्ञ कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे। यह कमेटी प्रमुख चौराहों, भीड़भाड़ वाले मार्गों और ट्रैफिक सिग्नलों की समीक्षा कर यह तय करेगी कि कहाँ और कैसे बदलाव किए जाएं। तीनों संस्थाएं आपसी समन्वय से इन बदलावों को ज़मीन पर लागू करेंगी।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही 538 ऐसे स्थलों की सूची PWD को दी है जहां ट्रैफिक सुधार की आवश्यकता है। यह सभी स्थान मुख्यतः वे सड़कें हैं जो PWD के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। इस सूची पर नई गठित समिति प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी।

आज की बैठक में जिन प्रमुख स्थलों पर विशेषज्ञों ने प्रस्तुतियाँ दीं, उनमें मेटकॉफ हाउस, किंग्सवे कैंप, आज़ादपुर और मधुबन चौक शामिल थे। इन स्थानों पर यातायात का दबाव अधिक रहता है और विशेषज्ञों ने वहां व्यावहारिक समाधान सुझाए — जैसे अतिरिक्त यू-टर्न लेन बनाना, फुटओवर ब्रिज बनाना, सिग्नल की टाइमिंग बदलना या सड़कों की चौड़ाई में बदलाव करना।

इस समिति की कार्यप्रणाली स्पष्ट रूप से तय की गई है। यह कमेटी हर महीने बड़े और प्रमुख ट्रैफिक प्वाइंट्स पर चर्चा कर अपनी सिफारिशें PWD मंत्री के समक्ष रखेगी। इन पर मंत्री प्रवेश साहिब सिंह की अध्यक्षता में अंतिम निर्णय होगा। वहीं, छोटे और स्थानीय स्तर की समस्याओं पर यह कमेटी हर सप्ताह निर्णय लेकर तुरंत अमल कराएगी।

इस समिति के प्रमुख उद्देश्य होंगे:
• ट्रैफिक जाम में कमी: भीड़भाड़ वाले इलाकों की पहचान कर वहां सड़क चौड़ीकरण, यू-टर्न सुधार, सिग्नल रिडिज़ाइन जैसे उपाय लागू करना।
• डेटा आधारित निर्णय: ट्रैफिक फ्लो, वाहन गति और ट्रैफिक वॉल्यूम के आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाना।
• सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना: दुर्घटनाग्रस्त इलाकों की पहचान कर वहां ज़ेब्रा क्रॉसिंग, रंबल स्ट्रिप्स और चेतावनी संकेतक लगाना।
• बेहतर रूट प्लानिंग: वैकल्पिक मार्गों को विकसित करना ताकि दबाव वाले रूट्स पर ट्रैफिक कम हो।
• सिग्नल सिस्टम को बेहतर बनाना: ट्रैफिक लाइट्स की टाइमिंग को ट्रैफिक के अनुसार ऑटोमैटिक करना और सभी सिग्नलों को एक नेटवर्क से जोड़ना।
• विस्तृत निगरानी प्रणाली: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर निगरानी के लिए कैमरों और कंट्रोल रूम का सशक्तीकरण।

इस अवसर पर श्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा:
“दिल्ली की जनता हर दिन सड़कों पर ट्रैफिक से परेशान होती है। आज की बैठक और इसमें लिए गए निर्णय आने वाले समय में राजधानी की तस्वीर बदलेंगे। हम सभी विभागों और विशेषज्ञों के सहयोग से एक नई शुरुआत कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य केवल सड़कों की मरम्मत या निर्माण नहीं, बल्कि दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को एक नया मॉडल बनाना है।”

PWD मंत्री ने सभी विभागों से अपील की कि वे मिलकर काम करें, समयबद्ध तरीके से योजनाएं बनाएं और तय समय में लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों से भी सुझाव मांगे जाएंगे ताकि योजना में जनभावना का भी समावेश हो।

कमेटी की अगली बैठक 15 मई को आयोजित की जाएगी, जिसमें पहले प्रस्तुत किए गए स्थलों की समीक्षा के साथ-साथ अन्य नए प्वाइंट्स पर भी चर्चा की जाएगी।

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