- 85 करोड़ की घास और बंद पड़ा Oxidation Pond
नई दिल्ली,। 20 अप्रैल 25 । दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आज तिमारपुर स्थित ऑक्सीडेशन पोंड का औचक निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए इस लंबे समय से अधूरी परियोजना की गंभीर खामियों पर सवाल उठाए। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि यह परियोजना आज तक पूर्ण रूप से commission तक नहीं हो सकी है, जबकि इसमें अब तक जनता के कर के 85 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है। करीब 35 से 40 करोड़ रुपये सिर्फ घास और लैंडस्केपिंग पर खर्च कर दिए गए, और लगभग 45 करोड़ रुपये पोंड्स बनाने में—कुल मिलाकर लगभग 85 करोड़ रुपये। अब सवाल यह है कि यह पैसा गया कहां? इसका जवाब दिल्ली की जनता को चाहिए और इसकी पूरी जांच होगी।”
यह परियोजना, जिसे यमुना को स्वच्छ करने के लिए एक टिकाऊ उपाय के तौर पर प्रचारित किया गया था, अब खुद एक पर्यावरणीय और वित्तीय विफलता बन गई है। मौके पर मौजूद इंजीनियरों और अधिकारियों ने स्वीकार किया कि ये योजना दिल्ली की स्थिति के लिये कारगर नहीं थी ।
जल मंत्री ने यह भी जोड़ा:
“तिमारपुर ऑक्सीडेशन पोंड पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन आज तक यहां एक बूंद पानी का शोधन नहीं हो पाया। यह आम आदमी पार्टी की भ्रष्ट और गैर-जवाबदेह कार्यशैली का खुला उदाहरण है। हमने इस मामले की पूरी जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना पुरानी और अप्रचलित तकनीक पर आधारित है और इसे बिना उचित तकनीकी मूल्यांकन के शुरू किया गया, जिससे साफ पता चलता है कि यह योजना जनता को गुमराह कर, ठेकेदारों और भ्रष्ट तंत्र को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई थी I
तिमारपुर ऑक्सीडेशन पोंड परियोजना की प्रमुख जानकारियाँ:
1. स्थिति: तिमारपुर, दिल्ली
2. उद्देश्य: नेहरू विहार SPS से आने वाले सीवेज का ट्रीटमेंट
3. पोंड की संख्या: 18
4. कुल क्षेत्रफल: 40 एकड़
5. लैंडस्केप एरिया: 35 एकड़
6. लेक क्षेत्र: 6 एकड़
7. गहराई: 2 मीटर
8. धारण क्षमता: 6 मिलियन गैलन (MG)
9. उपचार क्षमता: 25 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन)
10. वर्क स्टेटस: – अभी शुरू नही
Coronation Pillar STP का भी निरीक्षण
जल मंत्री ने कोरोनेशन पिलर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का भी दौरा किया और वहां के संचालन का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के सभी STPs का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपनी निर्धारित क्षमता पर कार्य करें और COD व BOD स्तरों का पालन हो। अगर सभी प्लांट तय मानकों पर कार्य करें, तो यमुना को साफ करना नारा नहीं, हकीकत बन सकता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा से बिना ट्रीटमेंट के औद्योगिक अपशिष्ट और सीवेज दिल्ली में आ रहा है, जिसकी जानकारी केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को दी जाएगी। मुख्यमंत्री स्तर की बैठक की मांग भी जल्द की जाएगी।
तिलक ब्रिज पर लगातार तीसरे दिन निरीक्षण मे प्रवेश साहिब सिंह आज लगातार तीसरे दिन तिलक ब्रिज पर जलभराव से निपटने के कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि कार्य युद्धस्तर पर जारी रहे और समयसीमा में पूरा हो।उन्होंने कहा “हमारा लक्ष्य साफ है — दिल्ली को जलभराव से मुक्ति दिलाना। मैं खुद हर दिन साइट पर जाकर काम की निगरानी कर रहा हूं, ताकि किसी भी कोताही की गुंजाइश न रहे।”
जल मंत्री का संकल्प:
“दिल्ली को जल संकट और यमुना प्रदूषण से मुक्ति दिलाना केवल एक वादा नहीं, हमारा मिशन है। पारदर्शिता, जवाबदेही और टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम हर दिल्लीवासी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जल व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।”