नई दिल्ली,17 अप्रैल। वक्फ संशोधन कानून पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई होगी। इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। 16 अप्रैल को 2 घंटे चली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा। वहीं, कानून के रोक लगाने से इनकार कर दिया।
CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। बेंच ने वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ कौंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल किए जाने के प्रावधान पर नाराजगी जताई। बेंच ने केंद्र से पूछा कि क्या हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुसलमानों को शामिल किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई। इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा- ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 प्रावधानों पर रोक का प्रस्ताव दिया, केंद्र का विरोध…
1. कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी-नोटिफाई नहीं होगी। वह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ बाय डीड।
2. कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे करेंगे तो उसकी प्रकृति नहीं बदल सकते। कोर्ट को सूचित करेंगे।
3. वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए, सिवाय पदेन सदस्यों के।