- सरकार ने दी कामगारों को बड़ी सौगात*
- 40 लाख से अधिक श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की हुई घोषणा
- नई दरें 1 अप्रैल, 2025 से निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में होंगी लागू
- ‘सभी नियोजकों द्वारा अपने श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी देना अनिवार्य, अनुपालन नहीं करने की स्थिति में होगी सख्त कार्रवाई’
नई दिल्ली;। 16 अप्रैल, 2025 । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राजधानी दिल्ली में कार्यरत सभी श्रेणियों के 40 लाख से अधिक श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई नई दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। यह घोषणा आज दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की।
इस मौके पर श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “दिल्ली सरकार मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी प्राथमिकता रही है कि जो मेहनत करता है, उसे उसका पूरा मेहनताना मिले। इस बढ़ोतरी से 40 लाख से अधिक दिल्ली में रह रहे कामगारों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार आएगा। लम्बे समय से तमाम मजदूर यूनियन की मांगों का संज्ञान लेते हुए हमारी सरकार का ये ऐतिहासिक निर्णय है, जिससे निजी और सरकारी क्षेत्र में कार्यरत सभी श्रेणी के कामगारों को आर्थिक राहत मिलेगी। इस फैसले के साथ ही दिल्ली देश में सबसे ज्यादा न्यूनतम मजदूरी देने वाले राज्यों में से एक बन गया है।”
नई मजदूरी दरें एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगी। अब अकुशल श्रमिकों की मासिक मजदूरी ₹18,066 से बढाकर ₹18,456 कर दी गई है। इस वृद्धि से वो श्रमिक लाभान्वित होंगे जो निर्माण कार्य, फैक्ट्री, सफाई सेवाएं, दुकानों, अस्पतालों तथा अन्य असंगठित क्षेत्रों जैसे बुनियादी कार्यों में लगे होते हैं । ये अतिरिक्त राशि उनके दैनिक खर्चों में राहत प्रदान करेगी।
वहीँ सेमी-स्किल्ड श्रमिकों की मासिक मजदूरी ₹19,929 से बढाकर ₹20,371 कर दी गई है। इस वर्ग में श्रमिकों में वो लोग शामिल होते हैं जो किसी विशिष्ट कार्य में थोड़ी तकनीकी जानकारी रखते है। इस न्यूनतम मजदूरी वृद्धि से उनकी मेहनत को उचित सम्मान मिलेगा।
इसके साथ ही स्किल्ड श्रमिकों की मजदूरी ₹21,917 से बढाकर ₹22,411 कर दी गई है। इस वर्ग में कुशल कारीगर, तकनीकी दक्ष, इलेक्ट्रिशियन जैसे लोग आते हैं। इनकी मजदूरी में वृद्धि से उनकी दक्षता और अनुभव का उचित सम्मान बढेगा।
वहीँ गैर मैट्रिकुलेट श्रमिकों की मजदूरी ₹19,929 से बढाकर ₹20,371 कर दी गई है। ‘मैट्रिकुलेट लेकिन स्नातक नहीं’ का न्यूनतम वेतनमान ₹21, 917 से ₹22, 411 एवं ‘स्नातक और उससे ऊपर’ श्रेणी के श्रमिकों का ₹23,836 से बढाकर ₹24,356 कर दिया गया।
कपिल मिश्रा ने आगे कहा, “पिछली सरकार श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की वृद्धि का निर्णय नहीं ले पा रही थी लेकिन हमारी सरकार ने इस मुद्दे पर तुरंत निर्णय लिया है। यह वृद्धि श्रमिकों की मेहनत और उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में सकारात्मक कदम है जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने और उनकी सामाजिक स्थिति सुधारने में सहायक सिद्ध होगी। यह दरें निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में लागू होंगी। सभी नियोजकों को यह मजदूरी देना अनिवार्य होगा। अनुपालन नहीं करने की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।