बाबा साहेब अंबेडकर पार्क की दुर्दशा पर रोना आता है — आशीष सूद

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  • डाबड़ी गोल चक्कर पर स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस पार्क को दिल्ली के कनॉट प्लेस जैसा सुंदर पार्क बनाया जाएगा

नई दिल्ली । 14 अप्रैल 25 । दिल्ली के शिक्षा, ऊर्जा और शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने आज भारतीय संविधान के शिल्पकार, बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जन्म जयंती के अवसर पर अपनी विधानसभा जनकपुरी के डाबरी गोल चक्कर पर स्थित बीआर अंबेडकर पार्क में बोद्ध समाज संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आशीष सूद ने कहा कि मैं संघ का साधुवाद इसलिए भी करता हूं कि वह हर वर्ष बाबा साहेब की जयंती बनाते हैं । उन्हीं के कारण इस पार्क का नाम बी आर अंबेडकर पार्क पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन आज जब हम इस पार्क की हालत देखते हैं तो इसकी दुर्दशा देखकर रोना आता है । जो लोग अंबेडकर जी का नाम लेकर, उनकी तस्वीर को अपने पीछे लगाकर, जो बाबा साहेब के अनुयायियों को ठग रहे थे उन्होंने इस पार्क को सुंदर बनाने के लिए कोई काम नहीं किया।
उन्होंने यह भी कहा कि उन लोगों ने बाबा साहब के अनुयायियों के वोट तो लिए लेकिन बाबा साहब के विचारों को ऊपर करने में किसी ने ध्यान नहीं दिया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं बौद्ध समाज संघ को आज यह वचन देता हूं कि हम इस पार्क को दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क की तर्ज पर सुंदर बनाएंगे। मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से आप सभी लोगों को यह आश्वासन भी देता हूं कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के पार्क को सुंदर बनाने में हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे ।
मंत्री सूद आगे कहा कि आसपास के क्षेत्र के लोग जो बूढ़े बुजुर्ग है, महिलाएं है, जो कनॉट प्लेस, इंडिया गेट नहीं जा सकते हैं वह इस पार्क में आकर वहां के वातावरण का अनुभव करेंगे।
मैं आपको यह भी वचन देता हूं कि इसको शीघ्र ही बहुत सुंदर हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि बाबा साहब वक्त का सांचा बदलने वाले युगपुरुष थे। उन्होंने कहा कि अपने को बाबा साहब का अनुयाई कहना बड़ा आसान है मगर बाबा साहब ने पूरी जिंदगी जो दंश झेला, पीड़ा का अनुभव किया उसका अनुसरण करना बहुत ही मुश्किल है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जिस बच्चे को स्कूल से बाहर बैठाया जाता था उस बच्चे ने अपने जीवन में 32 डिग्री हासिल की। ऐसे थे बाबा साहब ।चार-चार विषयों में तो उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि ली थी। इसलिए यह दिन हमारे लिए एक समारोह नहीं है बल्कि यह दिन उस महान आत्मा को नमन करने का अवसर है जिसने भारत को एक नई रोशनी दी, एक नई ऊर्जा दी और देश के लोगों को बराबरी का रास्ता दिखाया।
उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब ने हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया। बाबा साहब कहते थे कि जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए। शिक्षा से ही समाज को बदला जा सकता है।
शिक्षा मंत्री ने उपस्थित जन समूह से यह भी कहा कि सरकार ने इस जगह बाबा साहब की प्रतिमा के साथ जगह लेकर 20 कंप्यूटर की एक आधुनिक लैब बनाने का निर्णय भी लिया है। जगह के लिए मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया जाएगा ताकि वह शीघ्र शीघ्र हमें जगह दे दें और कंप्यूटर लैब के निर्माण का काम चालू किया जा सके ।
उन्होंने यह भी कहा कि है 20 कंप्यूटर की लैब यहां के बच्चों को निशुल्क कंप्यूटर का प्रशिक्षण देगी ताकि वह आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सके।

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